Chuni hui kavitayen
Material type:
- 9789393091925
- H MAN P
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H MAN P (Browse shelf(Opens below)) | Available | 180473 |
प्रकाश मनु की सृजन-यात्रा की शुरुआत कविता से हुई थी, और पिछले पचास बरसों के लंबे उतार-चढ़ाव और विचित्रा हलचलों भरे दौर में उनके जीवन और साहित्य-यात्रा में भी तमाम मोड़ आए, पर कविता का साथ कभी नहीं छूटा। कविता उनके लिए साँस लेने की तरह है, और उनके ही शब्दों में, ”कविता का और मेरा पुराना साथ है। कभी-कभी तो लगता है, जन्म-जन्मांतरों का!“ जाहिर है, कविता से ही उन्हें जीने और जूझने की शक्ति मिलती है, और जीने के मायने भी।
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