Image from Google Jackets

Kya Parichya du main apna

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Nyamati 2021Description: 174 pSubject(s): DDC classification:
  • H 891.43 BHA
Summary: "क्या परिचय दूं मैं अपना?" पुस्तक वस्तुतः दो पूर्व-प्रकाशित पुस्तकों तथा एक (अभी तक) अप्रकाशित पांडुलिपि का संयुक्त प्रयास है। इस दृष्टि से यूँही? संबंधी भूमिका आपने कृपापूर्वक पढ़ ली। "कुछ तीर : कुछ तुक्के" के संदर्भ में भी मैंने विनम्र निवेदन किया ही है। "चिंतन का ढोंग" वस्तुतः "यूँही?" से बच गए निबंधों का संकलन ही है- ये सभी निबंध उसी कार्यकाल में लिखे गए थे, जब यूँही? की कल्पना तक नहीं की गई थी। अब तीनों पुस्तकों का समन्वित प्रयास आपकी सेवा में समर्पित है। आप ही मेरे कृपालु पाठक हैं, आप ही मेरे सहृदय समीक्षक हैं, आप ही मेरे सच्चे मार्गदर्शक हैं। आपको शत-शत नमन।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Donated Books Donated Books Gandhi Smriti Library H 891.43 BHA (Browse shelf(Opens below)) Available 172021
Total holds: 0

"क्या परिचय दूं मैं अपना?" पुस्तक वस्तुतः दो पूर्व-प्रकाशित पुस्तकों तथा एक (अभी
तक) अप्रकाशित पांडुलिपि का संयुक्त प्रयास है। इस दृष्टि से यूँही? संबंधी भूमिका आपने
कृपापूर्वक पढ़ ली। "कुछ तीर : कुछ तुक्के" के संदर्भ में भी मैंने विनम्र निवेदन किया ही है।
"चिंतन का ढोंग" वस्तुतः "यूँही?" से बच गए निबंधों का संकलन ही है- ये सभी
निबंध उसी कार्यकाल में लिखे गए थे, जब यूँही? की कल्पना तक नहीं की गई थी।
अब तीनों पुस्तकों का समन्वित प्रयास आपकी सेवा में समर्पित है। आप ही मेरे कृपालु
पाठक हैं, आप ही मेरे सहृदय समीक्षक हैं, आप ही मेरे सच्चे मार्गदर्शक हैं। आपको
शत-शत नमन।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha