Pahari lok sahitya sanskar geet (Record no. 42132)
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fixed length control field | 03439nam a2200181Ia 4500 |
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
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008 - FIXED-LENGTH DATA ELEMENTS--GENERAL INFORMATION | |
fixed length control field | 200204s9999 xx 000 0 und d |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | H 398.2 PAH |
100 ## - MAIN ENTRY--PERSONAL NAME | |
Personal name | Upmanu, Shiv Kumar (ed.) |
245 #0 - TITLE STATEMENT | |
Title | Pahari lok sahitya sanskar geet |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Place of publication, distribution, etc. | Shimla |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Name of publisher, distributor, etc. | Himachal Kala Sanskriti |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. | |
Date of publication, distribution, etc. | 1982 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Extent | 200 p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc. | कवि 'युगद्रष्टा होता है। वह समाज और जीवन के प्रति अभिनव दृष्टिकोण रखता है और इस अभिनव दृष्टिकोण के साथ नैसर्गिक प्रतिभा का सामंजस्य करके समाज की मान्यताओं का मूल्यांकन करता है और सत्य तथा असत्य का प्रतिपादन करता है। इसी लिए वेद उन्हें 'कवयः सत्यच तः कहता है अर्थात् वे दिव्यसत्ता का श्रवण करने वाले तथा उसे प्रदर्शित करने वाले होते हैं। वे 'फवियः कान्तदर्शिनः' है । भूत, भविष्य और अतीन्द्रिय विषयों को जानने वाले होते हैं। आज भले ही हम कवि को कविता का सर्जन करने बाले साहित्यकार मानते हैं, परन्तु सुदूर प्राचीन काल में कवियों को ऋषि की उपाधि दी जाती थी। वैदिक धारणा के अनुसार वह नित्य नूतन ज्ञान विज्ञान का प्रत्यक्ष दर्शी और दर्शयिता है। ऋग्वेद की रचना भारद्वाज, अत्रि, वशिष्ठ जैसे ज्ञान, विज्ञान और तप से परिपूत महात्माओं के द्वारा की गई थी। कवि का व्यक्तित्व दिव्य होता है।<br/>कवि का व्यक्तित्व द्विमुखी है। जहां वह सत्य भ्रष्टा है वहां वह सत्यदर्शिन भी है। जो देखता है उसे दिखाता भी है। वह द्रष्टव्य और धव्य को रचनात्मक रूप देता है। साहित्य रचना उसके व्यक्तित्व का प्रायना है। साहित्य की सर्वप्रथम उपयोगिता यह है कि उससे पाठक को संस्कृति के मत्पक्ष का परिचय मिले। इस प्रकार संस्कृति के विकास के साथ साहित्य की सांस्कृतिक भूमिका का सतत विन्यास होता है । |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical term or geographic name entry element | Himachal |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Books |
Source of classification or shelving scheme | Dewey Decimal Classification |
Withdrawn status | Lost status | Damaged status | Not for loan | Home library | Current library | Shelving location | Date acquired | Total checkouts | Full call number | Barcode | Date last seen | Price effective from | Koha item type |
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Not Missing | Not Damaged | Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2020-02-04 | H 398.2 PAH | 52162 | 2020-02-04 | 2020-02-04 | Books |