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Uttarakhand mahila bhumika ka itihas

By: Material type: TextTextPublication details: Dehradun Samay sakshay 2021Description: 194 pISBN:
  • 9788195026456
Subject(s): DDC classification:
  • UK 305.408 CHA
Summary: यह तथ्य सर्वविदित है कि मातृशक्ति की कोख से उत्तराखण्ड राज्य का जन्म हुआ। इसी को दृष्टिगत रखते हुए इस पुस्तक के सृजन के पीछे कुछ उद्देश्य भी निहित हैं, जिसमें पहला उद्देश्य यह है कि उत्तराखण्ड के. विभिन्न आन्दोलनों में महिलाओं की सहभागिता के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक आयाम क्या थे? यदि महिलाओं ने सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक परिवर्तन के लिए इन आन्दोलनों में हिस्सेदारी की तो उनके विकास को तलाशना इस पुस्तक का दूसरा उद्देश्य है। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद महिलाओं की अपेक्षाओं के अनुकूल उत्तराखण्ड का उदय कहाँ तक सार्थक सिद्ध हुआ है ? इस प्रश्न की विवेचना करना इस पुस्तक का तीसरा उद्देश्य है। इस पुस्तक को सम्पादित करने के लिए मैंने उत्तराखण्ड से सम्बन्धित पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएं एवं जनरल्स तथा अपने शोध कार्य के दौरान संस्था "सोसायटी फॉर एन्थ्रोपोसेन्ट्रिक एण्ड यूथ एडवान्समेण्ट (साया)" के साथ मिलकर किये गये सर्वेक्षण में से कई प्रश्नों के उत्तर शामिल किए हैं। इस सर्वेक्षण में उत्तराखण्ड आन्दोलन में सक्रिय 800 महिलाओं के साक्षात्कार तथा प्रश्नावली द्वारा विचारों का विश्लेषणात्मक एवं वैज्ञानिक अध्ययन करने का प्रयास किया गया था। इस संदर्भ में उनकी सहभागिता एवं उत्तराखण्ड राज्य से सम्बन्धित अपेक्षाओं की जानकारी को भी पुस्तक में शामिल किया गया है।
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यह तथ्य सर्वविदित है कि मातृशक्ति की कोख से उत्तराखण्ड राज्य का जन्म हुआ। इसी को दृष्टिगत रखते हुए इस पुस्तक के सृजन के पीछे कुछ उद्देश्य भी निहित हैं, जिसमें पहला उद्देश्य यह है कि उत्तराखण्ड के. विभिन्न आन्दोलनों में महिलाओं की सहभागिता के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक आयाम क्या थे? यदि महिलाओं ने सामाजिक, राजनीतिक तथा आर्थिक परिवर्तन के लिए इन आन्दोलनों में हिस्सेदारी की तो उनके विकास को तलाशना इस पुस्तक का दूसरा उद्देश्य है। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण के बाद महिलाओं की अपेक्षाओं के अनुकूल उत्तराखण्ड का उदय कहाँ तक सार्थक सिद्ध हुआ है ? इस प्रश्न की विवेचना करना इस पुस्तक का तीसरा उद्देश्य है।

इस पुस्तक को सम्पादित करने के लिए मैंने उत्तराखण्ड से सम्बन्धित पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएं एवं जनरल्स तथा अपने शोध कार्य के दौरान संस्था "सोसायटी फॉर एन्थ्रोपोसेन्ट्रिक एण्ड यूथ एडवान्समेण्ट (साया)" के साथ मिलकर किये गये सर्वेक्षण में से कई प्रश्नों के उत्तर शामिल किए हैं। इस सर्वेक्षण में उत्तराखण्ड आन्दोलन में सक्रिय 800 महिलाओं के साक्षात्कार तथा प्रश्नावली द्वारा विचारों का विश्लेषणात्मक एवं वैज्ञानिक अध्ययन करने का प्रयास किया गया था। इस संदर्भ में उनकी सहभागिता एवं उत्तराखण्ड राज्य से सम्बन्धित अपेक्षाओं की जानकारी को भी पुस्तक में शामिल किया गया है।

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