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Rajbhasha sahayika

By: Material type: TextTextPublication details: Delhi Prashant book distruster 2022.Description: 214 pISBN:
  • 9789383963478
Subject(s): DDC classification:
  • H 491.43  TRI
Summary: राजभाशा सहायिका वस्तुतः प्रशासनिक शब्दावली, पदनाम, अनुभागों आदि के नाम, सरकारी कार्य में प्रयोग किए जाने वाले कुछ वाक्यांशों और टिप्पणियों, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली, भत्ते, छुट्टी, प्रमाण पत्र, पेंशन, वेतन आदि से संबंधित अँग्रेजी शब्दों का हिन्दी रूपांतरित की हार्ड प्रति है। किसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अंतर्गत प्रशासनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे राज्यभाशा कहते हैं। यह भाशा सम्पूर्ण प्रदेश के अधिकांश जन-समुदाय द्वारा बोली और समझी जाती है। प्रशासनिक दृष्टि से सम्पूर्ण राज्य में सर्वत्रा इस भाषा को महत्व प्राप्त रहता है। भारतीय संविधान में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए हिन्दी के अतिरिक्त 21 अन्य भाषाएं राजभाशाओं स्थान प्राप्त हुआ है। राज्यों की विधानसभाएं बहुमत के आधार पर किसी एक भाषा को अथवा चाहें तो एक से अधिक भाषाओं को अपने राज्य की राज्यभाशा घोषित कर सकती हैं।
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राजभाशा सहायिका वस्तुतः प्रशासनिक शब्दावली, पदनाम, अनुभागों आदि के नाम, सरकारी कार्य में प्रयोग किए जाने वाले कुछ वाक्यांशों और टिप्पणियों, वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली, भत्ते, छुट्टी, प्रमाण पत्र, पेंशन, वेतन आदि से संबंधित अँग्रेजी शब्दों का हिन्दी रूपांतरित की हार्ड प्रति है। किसी प्रदेश की राज्य सरकार के द्वारा उस राज्य के अंतर्गत प्रशासनिक कार्यों को सम्पन्न करने के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, उसे राज्यभाशा कहते हैं। यह भाशा सम्पूर्ण प्रदेश के अधिकांश जन-समुदाय द्वारा बोली और समझी जाती है। प्रशासनिक दृष्टि से सम्पूर्ण राज्य में सर्वत्रा इस भाषा को महत्व प्राप्त रहता है। भारतीय संविधान में राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए हिन्दी के अतिरिक्त 21 अन्य भाषाएं राजभाशाओं स्थान प्राप्त हुआ है। राज्यों की विधानसभाएं बहुमत के आधार पर किसी एक भाषा को अथवा चाहें तो एक से अधिक भाषाओं को अपने राज्य की राज्यभाशा घोषित कर सकती हैं।

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