Image from Google Jackets

Gareebi door karo/ translated by Manisha Chaudhry

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi; INTACH; 1989Description: 34 pSubject(s): DDC classification:
  • H 333.7 JAY
Summary: इन्डियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज एक पूरी तरह से स्वाधीन संस्था है जो हमारी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए बनाई गई है। अपने सदस्यों के सक्रिय सहयोग के द्वारा इस संस्था का यह ध्येय है कि जनता में इस धरोहर को बनाये रखने के लिये जागरुकता बढ़े यदि इस धरोहर के किसी भाग को किसी निजी कार्रवाई या राजकीय नीति के द्वारा क्षति या विनाश की आशंका हो तो इसके विरुद्ध यह संस्था प्रभावी समूह का काम करेगी। इन्टैक प्रागामी संरक्षण परियोजनाओं का उत्तरदायित्य लेगी, परम्परागत कलाओं और शिल्प की सुरक्षा को बढ़ावा देगी, कार्यशालाओं, श्रध्ययन पाठ्यक्रमों सम्मेलन व व्याख्यानों का प्रायोजन करेगी और इनमें सहयोग देगी। यह समय नुसार संरक्षण से सम्बन्धित किसी भी विषय पर जर्नल, किताबें, पम्फलेट, सूचना पत्र प्रादि के प्रकाशन का भी बीड़ा उठाएगी।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Books Books Gandhi Smriti Library H 333.7 JAY (Browse shelf(Opens below)) Available 50334
Total holds: 0

इन्डियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज एक पूरी तरह से स्वाधीन संस्था है जो हमारी प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए बनाई गई है। अपने सदस्यों के सक्रिय सहयोग के द्वारा इस संस्था का यह ध्येय है कि जनता में इस धरोहर को बनाये रखने के लिये जागरुकता बढ़े यदि इस धरोहर के किसी भाग को किसी निजी कार्रवाई या राजकीय नीति के द्वारा क्षति या विनाश की आशंका हो तो इसके विरुद्ध यह संस्था प्रभावी समूह का काम करेगी।

इन्टैक प्रागामी संरक्षण परियोजनाओं का उत्तरदायित्य लेगी, परम्परागत कलाओं और शिल्प की सुरक्षा को बढ़ावा देगी, कार्यशालाओं, श्रध्ययन पाठ्यक्रमों सम्मेलन व व्याख्यानों का प्रायोजन करेगी और इनमें सहयोग देगी। यह समय नुसार संरक्षण से सम्बन्धित किसी भी विषय पर जर्नल, किताबें, पम्फलेट, सूचना पत्र प्रादि के प्रकाशन का भी बीड़ा उठाएगी।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha