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Bihar ki janjaatiya v.1986

By: Material type: TextTextPublication details: Lucknow, Prakeshan kendra 1986.Description: 76 pSubject(s): DDC classification:
  • BH 307.7 TIL
Summary: बिहार सदा से भारतीय चिन्तन, और जीवन-शैलियों का संगम रहा है। इसके प्राकृतिक सौन्दर्य और सरलता के बीच जीवन विधि के अनेक आयामों का विकास हुआ यहाँ का जनजातीय जीवन भी इसका एक ज्वलन्त रूप है । प्रस्तुतः पुस्तक में बिहार की जनजातियों के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पक्षों की विवेचना की गई है । विषय-वस्तु के संयोजन में विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम का विशेष ध्यान रखा गया है। पुस्तक के प्रकाशन के लिए, लेखक प्रकाशन केन्द्र, लखनऊ के संचालक श्री पद्मधर मालवीय जी का हार्दिक आभारी है, जिनके सौजन्य से पुस्तक सामान्य पाठकों और विद्यार्थियों को सुलभ हो पायी है।
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बिहार सदा से भारतीय चिन्तन, और जीवन-शैलियों का संगम रहा है। इसके प्राकृतिक सौन्दर्य और सरलता के बीच जीवन विधि के अनेक आयामों का विकास हुआ यहाँ का जनजातीय जीवन भी इसका एक ज्वलन्त रूप है । प्रस्तुतः पुस्तक में बिहार की जनजातियों के सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और सांस्कृतिक पक्षों की विवेचना की गई है । विषय-वस्तु के संयोजन में विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम का विशेष ध्यान रखा गया है। पुस्तक के प्रकाशन के लिए, लेखक प्रकाशन केन्द्र, लखनऊ के संचालक श्री पद्मधर मालवीय जी का हार्दिक आभारी है, जिनके सौजन्य से पुस्तक सामान्य पाठकों और विद्यार्थियों को सुलभ हो पायी है।

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