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Samanya bhashiki

By: Material type: TextTextPublication details: Chandigarh; Haryana Hindi Grantha Akademi; 1978Description: 448 pDDC classification:
  • H 410 ROB
Summary: भाषिकी के क्षेत्र में प्रोफेसर रोबिन्स का अपना एक विशिष्ट स्थान है। इस क्षेत्र में उनके ज्ञान एवं अध्ययन की गहनता का अनुमान इस ग्रन्थ के प्रत्येक अध्याय के अन्त में उनके द्वारा दी गयी सन्दभिकाओं से ही लगाया जा सकता है। आधुनिक काल में भाषिकी के सभी सम्भाव्य पक्षों पर प्राधिकारिक रूप से प्रकाश डालने तथा सभी स्तरों के जिज्ञासुओं के लिए बोधगस्य होने के कारण उनका यह ग्रन्थ भाषिकी के क्षेत्र में अत्यन्त लोकप्रिय रहा है। इसकी पुष्टि इस ग्रन्थ के एकाधिक संस्करणों एवं अनुमुद्रणों से ही हो जाती है । इस पुस्तक के महत्त्व एवं उपयोगिता को देखते हुए ही हिन्दी पाठकों के लिए इसे सुलभ करने के हेतु इसका अनुवाद करवाया गया है। अधिकारी विद्वान् ने इस अनुवाद में ग्रन्थ के मूल भाव को यथाशक्ति उसके निकटतम रूप में प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है । पाण्डुलिपि का सम्पादन एवं सज्जा-संयोजन प्रकादमी के प्रकाशन अनुभाग ने किया है ।
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भाषिकी के क्षेत्र में प्रोफेसर रोबिन्स का अपना एक विशिष्ट स्थान है। इस क्षेत्र में उनके ज्ञान एवं अध्ययन की गहनता का अनुमान इस ग्रन्थ के प्रत्येक अध्याय के अन्त में उनके द्वारा दी गयी सन्दभिकाओं से ही लगाया जा सकता है। आधुनिक काल में भाषिकी के सभी सम्भाव्य पक्षों पर प्राधिकारिक रूप से प्रकाश डालने तथा सभी स्तरों के जिज्ञासुओं के लिए बोधगस्य होने के कारण उनका यह ग्रन्थ भाषिकी के क्षेत्र में अत्यन्त लोकप्रिय रहा है। इसकी पुष्टि इस ग्रन्थ के एकाधिक संस्करणों एवं अनुमुद्रणों से ही हो जाती है ।
इस पुस्तक के महत्त्व एवं उपयोगिता को देखते हुए ही हिन्दी पाठकों के लिए इसे सुलभ करने के हेतु इसका अनुवाद करवाया गया है। अधिकारी विद्वान् ने इस अनुवाद में ग्रन्थ के मूल भाव को यथाशक्ति उसके निकटतम रूप में प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है । पाण्डुलिपि का सम्पादन एवं सज्जा-संयोजन प्रकादमी के प्रकाशन अनुभाग ने किया है ।

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