Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

Baingan: samaj, bhasha evam lok sahitya

By: Material type: TextTextPublication details: Dehradun Samay sakshaya 2021Description: 119 pISBN:
  • 978-93-90743-62-9
Subject(s): DDC classification:
  • UK 398.204 RAW
Summary: प्रस्तुत पुस्तक 'बंगाण: समाज, भाषा एवं लोक साहित्य' में एक भाषा के रूप में बंगाणी का समुचित विश्लेषण एवं मूल्यांकन नहीं हो पाया है, लेकिन कहावतों- मुहावरों, पहेलियों, लोकगीतों, लोककथाओं तथा शब्द समूह के माध्यम से बंगाणी भाषा के साहित्य के संकलन का महत्वपूर्ण काम लेखक ने किया है। बंगाणी लोक साहित्य के अन्तर्गत संकलित छोड़े, लामण, बाजू, हारूल आदि विविध विधाओं का सौन्दर्य हमें एक भिन्न लोक में पहुंचा देता है। मेले, त्यौहार, खेल, संस्कार आदि के द्वारा बंगाणी समाज की जीवन शैली को प्रस्तुत किया गया है। इसके साथ ही अनाज, बर्तन, औजार, जीव-जन्तु आदि विविध शीर्षकों के अन्तर्गत जो शब्द सामग्री दी गई है तथा लुप्तप्राय शब्दों की सूची दी गई है, वह निश्चय ही महत्वपूर्ण है।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Books Books Gandhi Smriti Library UK 398.204 RAW (Browse shelf(Opens below)) Available 168277
Total holds: 0

प्रस्तुत पुस्तक 'बंगाण: समाज, भाषा एवं लोक साहित्य' में एक भाषा के रूप में बंगाणी का समुचित विश्लेषण एवं मूल्यांकन नहीं हो पाया है, लेकिन कहावतों- मुहावरों, पहेलियों, लोकगीतों, लोककथाओं तथा शब्द समूह के माध्यम से बंगाणी भाषा के साहित्य के संकलन का महत्वपूर्ण काम लेखक ने किया है। बंगाणी लोक साहित्य के अन्तर्गत संकलित छोड़े, लामण, बाजू, हारूल आदि विविध विधाओं का सौन्दर्य हमें एक भिन्न लोक में पहुंचा देता है। मेले, त्यौहार, खेल, संस्कार आदि के द्वारा बंगाणी समाज की जीवन शैली को प्रस्तुत किया गया है। इसके साथ ही अनाज, बर्तन, औजार, जीव-जन्तु आदि विविध शीर्षकों के अन्तर्गत जो शब्द सामग्री दी गई है तथा लुप्तप्राय शब्दों की सूची दी गई है, वह निश्चय ही महत्वपूर्ण है।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha