Andhra Pradesh: lok sanskriti aur sahitya
Material type:
- H 398.2 RAJ
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 398.2 RAJ (Browse shelf(Opens below)) | Available | 56197 |
आंध्र प्रदेश भारत का एक अत्यंत महत्वपूर्ण राज्य है। यहां आदिवासियों की संख्या काफी बड़ी है जिनमें अन्य आदिवासियों के अलावा चेंचू, यानादी, कोया, सवर और खोंड भी सम्मिलित हैं और अनेक प्राकृतिक देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। गीत-नृत्य से भरे उनके अनुष्ठानों में कलात्मकता का स्पष्ट पुट होता है । यह क्षेत्र सदियों से अनेकों धर्मों और जातियों का मिलन स्थल रहा है, और इन सब लोगों ने इस प्रदेश के समृद्ध लोक साहित्य को अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यद्यपि आंध्र की मुग्गु और कलमकारी जैसी लोक कलाओं, कुचिपुडि नृत्य और चित्तूर जिले की कठपुतलियों से लोग कुछ परिचित हैं, किंतु प्रदेश की सजीव लोक परम्पराओं से संबंधित विस्तृत क्षेत्र के विषय में लोग अब भी बहुत कम जानते हैं। प्रस्तुत पुस्तक में सामान्य पाठक के लिए उस सांस्कृतिक धरोहर का एक व्यापक सर्वेक्षण देने का प्रयास किया गया है।
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