Himachali lokrang
Material type:
- H 398 PUR
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 398 PUR (Browse shelf(Opens below)) | Available | 65818 |
लोकरंगों की उपयोगिता को क्षेत्रीय सीमाओं से आगे ले जाने के यथासम्भव प्रयत्न अपेक्षित हैं । अभी तक प्रदेशवासी अपने परम्परागत समुद्र लोकनाट्यों के अनेक रूपों से परिचित नहीं हैं। अतः ऐसे ग्रंथ की आवश्यकता थी जिसमें प्रदेश की अधिकांश लोकनाट्य परम्पराओं से सम्बन्धित प्रामाणिक सामग्री का संचयन हो । 'हिमाचली लोकरंग' एक ऐसा ही ग्रन्थ है ।
हिमाचल प्रदेश की समृद्ध एवं प्राचीन लोकधर्मी नाट्य परम्पराओं के शोधपरक ग्रन्थ 'हिमाचली लोकरंग' में लेखक ने वह भूमि तैयार की है, जिससे गुजरते हुए अन्वेषक पहाड़ी नाटकों में छिपी अनेका नेक सम्भावनाओं का पता चलाएँ और विविध लोकरंगों को नये अर्थ और नयी व्याख्या के साथ नयी शक्ति से अभिव्यक्त करने की दिशा में प्रवृत्त हों ।
नये रंग-व्यवसायियों के लिए भी इस ग्रंथ में बहुत सामग्री है। रंग सेवी अपनी प्रतिभा से इन लोकरंगों की संभावनाओं को नवोन्मेष से युक्त कर आंचलिक प्रयोक्ताओं में नयी आस्था और नये प्राण फूंक सकते हैं ।
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