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Dainik jeevan mein Manovigyan

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: Bhopal Manjul 2016.Description: 298 pISBN:
  • 9789388241410
Subject(s): DDC classification:
  • H 150 MIS
Summary: दैनिक जीवन में मनोविज्ञान डॉ. विनय मिश्रा एक मनोचिकित्सक और प्राध्यापक के रूप में अपने समृद्ध अनुभव इस पुस्तक में लेकर आए हैं, जो हमें यह बताती है कि अपने जीवन में सैकड़ों त और मनोवैज्ञानिक उतार-चढ़ावों का सामना करने के बाद भी हम सभी बिलकुल सामान्य हैं. सरल और आसानी से अमल में लाये जाने वाले परामर्श के माध्यम से वे बता रहे हैं कि इन समस्याओं का सामना किस तरह से किया जाए, जिस के ज़रिये हम स्वस्थ और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की ओर बढ़ सकें. आज की अति व्यस्त जीवन शैली ओर तनावपूर्ण कार्य परिस्तिथियाँ हमारे भीतर या हमारे आस-पास के लोगों के त असंतुलन उत्पन्न कर सकती हैं. डॉ. मिश्रा उन मुद्दों की ओर स्पष्ट रूप से संकेत करते हैं जिन के समाधान परिवार ओर मित्रों के सहयोग से आसानी से निकले जा सकते हैं. किस की समस्याएँ अधिक जटिल हैं जिसके लिए किसी पेशेवर की मदद की आवश्यकता होगी ओर वह मदद किस तरह मिल सकती है, यह जान लेना सचमुच उपयोगी होगा और उनके जीवन की गुणवक्ता में परिवर्तन लेकर आएगी. मनोवैज्ञानिक समस्याओं से बहार आना वाकई संभव है.
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Books Books Gandhi Smriti Library H 150 MIS (Browse shelf(Opens below)) Checked out to Narmada Hostel OT Launge (NARMADA) 2023-09-29 168229
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दैनिक जीवन में मनोविज्ञान डॉ. विनय मिश्रा एक मनोचिकित्सक और प्राध्यापक के रूप में अपने समृद्ध अनुभव इस पुस्तक में लेकर आए हैं, जो हमें यह बताती है कि अपने जीवन में सैकड़ों त और मनोवैज्ञानिक उतार-चढ़ावों का सामना करने के बाद भी हम सभी बिलकुल सामान्य हैं. सरल और आसानी से अमल में लाये जाने वाले परामर्श के माध्यम से वे बता रहे हैं कि इन समस्याओं का सामना किस तरह से किया जाए, जिस के ज़रिये हम स्वस्थ और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की ओर बढ़ सकें. आज की अति व्यस्त जीवन शैली ओर तनावपूर्ण कार्य परिस्तिथियाँ हमारे भीतर या हमारे आस-पास के लोगों के त असंतुलन उत्पन्न कर सकती हैं. डॉ. मिश्रा उन मुद्दों की ओर स्पष्ट रूप से संकेत करते हैं जिन के समाधान परिवार ओर मित्रों के सहयोग से आसानी से निकले जा सकते हैं. किस की समस्याएँ अधिक जटिल हैं जिसके लिए किसी पेशेवर की मदद की आवश्यकता होगी ओर वह मदद किस तरह मिल सकती है, यह जान लेना सचमुच उपयोगी होगा और उनके जीवन की गुणवक्ता में परिवर्तन लेकर आएगी. मनोवैज्ञानिक समस्याओं से बहार आना वाकई संभव है.

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