Manav sansadhan prabandh
Material type:
- 9789383980369
- H 658.3 SRI
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 658.3 SRI (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168468 |
किसी उपक्रम की प्रभावशीलता कर्मचारियों की व्यवस्था सम्बन्धी कार्यों की निपुणता पर ही निर्भर है। अपने उद्देश्य में सफलता प्राप्त करने के लिए उपक्रम द्वारा मानव संसाधन की आवश्यकता का सही अनुमान लगाया जाना चाहिए ताकि उसके अनुसार उपक्रम में विभिन्न पदों के लिए कर्मचारियों की भर्ती एवं चयन किया जा सके। मानव संसाधन की आवश्यकता का अनुमान कर्मचारियों की व्यवस्था की पूर्वावश्यकता है ताकि वांछित मानव संसाधन उपलब्ध हो सके। यह एक कार्यक्रम है जिसके द्वारा मानव संसाधन की परिपूर्ति, विकास एवं उपयोग के कार्य सम्भव होते हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता का अनुमान बहुत पहले से ही लगाया जाना चाहिए ताकि विभिन्न पदों के लिए कर्मचारियों की भर्ती एवं चयन किया जा सके तथा उन्हें प्रशिक्षित किया जा सके कर्मचारियों की पर्याप्त संख्या में तथा विभिन्न पदों के लिए उपलब्धि सम्भव बनाने के लिए उपक्रम द्वारा ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए कि आवश्यकता पड़ने पर सही प्रकार के कर्मचारी, उपयुक्त पदों के लिए उपयुक्त संख्या में प्राप्त हो सकें। अतः इसके लिए पूर्वनियोजन आवश्यक हो जाता है। इस प्रकार मानव संसाधन नियोजन, भर्ती एवं चयन से पूर्व सम्पन्न की जाने वाली क्रिया है जिसके द्वारा कितने तथा किस प्रकार के कर्मचारी उपक्रम में आवश्यक हैं, इसका पूर्वानुमान लगाया जाता है।
मानव संसाधन नियोजन का आशय किसी उपक्रम के सन्दर्भ में उसके द्वारा कर्मचारियों के मांग एवं पूर्ति में सामंजस्य स्थापित करना है। यह उपक्रम द्वारा अपनी मानवीय आवश्यकताओं का पूर्वानुमान है। मानव संसाधन नियोजन एक ऐसा कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत उपक्रम की मानव संसाधन की व्याख्या एवं भावी आवश्यकताओं का अनुमान प्रस्तुत किया जाता है।
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