Ghasyariyon ke geet bajuband
Material type:
- 978818681020-X
- UK 398.204 GHA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | UK 398.204 GHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168300 |
बाजूबन्द पहाड़ की महिलाओं के व्यथा कथा के गीत हैं। इन्हें गढ़वाल में बाजू, जंगू, दोहा या दुवा भी कहा जाता है। बाजूबन्द गीतों में पहाड़ की महिलाओं का दुःख, दर्द, पीड़ा, खुद, विपदा, वियोग व विरह समाया हुआ है। बाजूबन्द गीत मुख्य रूप से घसियारी व चरवाहा महिलाओं द्वारा जंगलों में घास काटने के दौरान रचे जाते हैं। अधिकांश बाजूबन्द खुदेड़ व विरह गीतों के रूप में हैं। जंगलों में गाए जाने के कारण इन्हें जंगु भी कहा जाता है।
There are no comments on this title.