Bhasha vigyan
Material type:
- H 410 DWI
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 410 DWI (Browse shelf(Opens below)) | Available | 45829 |
भाषा का मानवजीवन के साथ घनिष्ठ सम्बन्ध है। आज के इस वैज्ञानिक युग में तो भाषा का महत्त्व और अधिक बढ़ गया है। भाषा के बिना मानव व्यवहार ही अपूर्ण है । अतः यह स्वाभाविक ही है कि भाषातत्त्व का साङ्गोपाङ्ग अध्ययन हो। भारत में प्राचीनकाल से ही भाषातत्त्व का अध्ययन होता चला आ रहा है। हाँ, उसके अध्ययन की विधि आज के अध्ययन की विधि से भिन्न रही है। सम्प्रति भाषा तत्त्व का अध्ययन विज्ञान के रूप में किया जा रहा है और इसे 'भाषाविज्ञान' के नाम से अभिहित किया जा रहा है। भाषाओं के वैज्ञानिक अध्ययन के लिए भारतीय एवं पाश्चात्य विपश्चित् कृतसंकल्प हैं। उन्होंने भाषाविज्ञान की विविध विधाओं पर महत्त्वपूर्ण कार्य किये हैं । इस प्रकार भाषाविज्ञान सम्प्रति अध्ययन एवम् अनुसंधान का एक स्वतन्त्र विषय बन गया है। सम्प्रति विश्वविद्यालयों में भाषाविज्ञान का अध्ययन- अध्यापन अनिवार्य रूप में हो रहा है। विषय के गम्भीर एवं दुरूह होने के कारण विद्यार्थियों को कठिनायी अनुभव होती है । अतएव इसी को दृष्टि में रखकर यह पुस्तक प्रस्तुत की गयी है। विद्यार्थियों की कठिनायी को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत पुस्तक में प्रत्येक विषय को यथासम्भव सरल एवं बोधगम्य शैली में उपस्थित करने का प्रयास किया गया है। आशा है छात्र वर्ग इससे पूर्ण लाभान्वित होगा ।
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