Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

Bol bachchan

By: Material type: TextTextPublication details: Delhi Rajpal 2019Description: 158 pISBN:
  • 9789386534774
Subject(s): DDC classification:
  • H 158.1 DUB
Summary: "सुपरस्टार अमिताभ बच्चन! कौन नहीं चाहता है अमिताभ बच्चन की तरह सफल होना - उनकी तरह लम्बे समय तक सफलता के शिखर पर बने रहना। आज अमिताभ बच्चन हिन्दी सिनेमा के शहंशाह हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि फ़िल्म जगत में कदम रखते ही एकदम सुपरहिट हो गये। बल्कि उनका जीवन तो अनेक उतार-चढ़ावों की एक लम्बी गाथा है जिसमें उतार भी ऐसे कि कई बार तो उनका सब कुछ खत्म होने के कगार पर आ पहुँचा था। लेकिन किसी भी परिस्थिति में उन्होंने हार नहीं मानी और असफलता के अँधेरे से उभरकर पहले से भी कहीं अधिक सफल हुए। उनकी कई फ़िल्में यादगार बन गयी हैं और उनके कुछ डायलॉग और गीत इतने लोकप्रिय हुए कि आम बोलचाल का हिस्सा बन गये हैं। ऐसे ही लोकप्रिय ‘बोल बच्चन’ और अमिताभ बच्चन व्यक्तिगत जीवन-संघर्ष से प्रेरित होकर रुपेश दुबे ने यह अपनी पहली किताब लिखी है। प्रेरणात्मक किताबों की भीड़ में यह किताब अपनी रोचक और अनूठी प्रस्तुति के कारण सबसे हटकर है और इसमें दिए 18 सफलता-सूत्र पाठकों को लम्बे समय तक प्रेरित करते रहेंगे। लगभग दो दशक तक टेलीकॉम कम्पनियों में उच्च मैनेजमेंट पद पर कार्यरत रहने के बाद अब रुपेश दुबे स्वयं का कारोबार चलाते हैं और साथ ही मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। यह उनकी पहली किताब है।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Books Books Gandhi Smriti Library H 158.1 DUB (Browse shelf(Opens below)) Available 168537
Total holds: 0

"सुपरस्टार अमिताभ बच्चन! कौन नहीं चाहता है अमिताभ बच्चन की तरह सफल होना - उनकी तरह लम्बे समय तक सफलता के शिखर पर बने रहना। आज अमिताभ बच्चन हिन्दी सिनेमा के शहंशाह हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि फ़िल्म जगत में कदम रखते ही एकदम सुपरहिट हो गये। बल्कि उनका जीवन तो अनेक उतार-चढ़ावों की एक लम्बी गाथा है जिसमें उतार भी ऐसे कि कई बार तो उनका सब कुछ खत्म होने के कगार पर आ पहुँचा था। लेकिन किसी भी परिस्थिति में उन्होंने हार नहीं मानी और असफलता के अँधेरे से उभरकर पहले से भी कहीं अधिक सफल हुए। उनकी कई फ़िल्में यादगार बन गयी हैं और उनके कुछ डायलॉग और गीत इतने लोकप्रिय हुए कि आम बोलचाल का हिस्सा बन गये हैं। ऐसे ही लोकप्रिय ‘बोल बच्चन’ और अमिताभ बच्चन व्यक्तिगत जीवन-संघर्ष से प्रेरित होकर रुपेश दुबे ने यह अपनी पहली किताब लिखी है। प्रेरणात्मक किताबों की भीड़ में यह किताब अपनी रोचक और अनूठी प्रस्तुति के कारण सबसे हटकर है और इसमें दिए 18 सफलता-सूत्र पाठकों को लम्बे समय तक प्रेरित करते रहेंगे। लगभग दो दशक तक टेलीकॉम कम्पनियों में उच्च मैनेजमेंट पद पर कार्यरत रहने के बाद अब रुपेश दुबे स्वयं का कारोबार चलाते हैं और साथ ही मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। यह उनकी पहली किताब है।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha