Badalon ka tabadalon se sambandh
Material type:
- 8170554098
- CS 891.437 DHA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | CS 891.437 DHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 167368 |
Total holds: 0
हिन्दी व्यंग्य के समकालीन परिदृश्य में एक अजीब भभ्भड़ मचा हुआ है। व्यंग्य को एक अत्यंत सरल कार्य मान लिया गया है। लगभग बच्चों का खेल जैसा। एक घिसा-पिटा चुटकुला, व्याकरण तक को धता बताती पिटी सपाट भाषा और न जाने किसी पारलौकिक या वायवीय जीवन का साक्षात्कार कराती ऐसी रचना जिसमें न हास्य है, न विट, न लक्षणा-व्यंजना, न आयरनी, न बात को कहने का ढंग, फिर भी एक बालहठ-सी है कि व्यंग्य कहा जाये ।
There are no comments on this title.