Badalte parivesh
Material type:
- 9788194392637
- H 891.431 BHA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 891.431 BHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 172278 |
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ये कहानियां स्वार्थ, वैमनस्यता, उत्पीड़न और पाखंड का प्रतिकार करती हैं, तो अपने साथ-साथ अन्य लोगों के समुचित विकास के सामूहिक प्रयास का भी करती हैं। आलोक भारती की इन कहानियों में समाज में बढ़ रहे अनाचार के प्रति क्रोध है, व्यग्रता है। शालीन व्यवहार, मानवीय साहचर्य एवं आत्मीय अनुशासन के पक्षधर आलोक भारती समाज और व्यक्ति के प्रति संवेदनशील हैं।
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