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Sampreshan kala

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: Delhi Academic Publication 2021Edition: 1st edDescription: 196 pISBN:
  • 9789391798499
Subject(s): DDC classification:
  • H 302.2242 SAM
Summary: संप्रेषण एक कला है। किसे क्या और किस तरह कहा जा रहा है। अपने हाव-भाव और पूरी ताकत के साथ अपनी बात सही तरह से बताने-समझाने की योग्यता आपकी स्कील दर्शाती है। यह स्कील ही वास्तव में व्यक्ति के व्यक्तित्व और योग्यता को साबित करती है। यह बात लोधा स्थित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में शुक्रवार को विद्यार्थियों में संप्रेषण कौशल के विकास के मुद्दे पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने कही। एक दिवसीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र में मुख्य वक्ता गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ. महीपालसिंह राव ने कहा कि एक शिक्षक भी इस उधेड़बुन में रहता है कि वह ज्ञान के भीतर है या उसके भीतर ज्ञान है। प्रेषण का मायने सुनने, सीखने, बोलने और लिखने से है, लेकिन अक्सर इसमें किसी एक में चूक कर आगे बढ़ने से दिक्कतें आती है। अपनी कमजोरी भी हो तो सकारात्मक सोच से आगे बढ़ने पर परिणाम सही मिलना तय है।
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Books Books Gandhi Smriti Library H 302.2242 SAM (Browse shelf(Opens below)) Available 168018
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संप्रेषण एक कला है। किसे क्या और किस तरह कहा जा रहा है। अपने हाव-भाव और पूरी ताकत के साथ अपनी बात सही तरह से बताने-समझाने की योग्यता आपकी स्कील दर्शाती है। यह स्कील ही वास्तव में व्यक्ति के व्यक्तित्व और योग्यता को साबित करती है।

यह बात लोधा स्थित सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में शुक्रवार को विद्यार्थियों में संप्रेषण कौशल के विकास के मुद्दे पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में वक्ताओं ने कही। एक दिवसीय संगोष्ठी के उदघाटन सत्र में मुख्य वक्ता गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के शोध निदेशक डॉ. महीपालसिंह राव ने कहा कि एक शिक्षक भी इस उधेड़बुन में रहता है कि वह ज्ञान के भीतर है या उसके भीतर ज्ञान है। प्रेषण का मायने सुनने, सीखने, बोलने और लिखने से है, लेकिन अक्सर इसमें किसी एक में चूक कर आगे बढ़ने से दिक्कतें आती है। अपनी कमजोरी भी हो तो सकारात्मक सोच से आगे बढ़ने पर परिणाम सही मिलना तय है।

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