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Jatigata samasya tatha parivartana

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Shivank 2021Description: 271 pISBN:
  • 9789383980291
Subject(s): DDC classification:
  • H 305.51220954 IBR
Summary: अनुसूचित जातियों की समस्याएं अनेक प्रकार क हैं। उनकी समस्याओं का जन्म गत सामाजिक असमानता और धर्म के द्वारा समर्थिक विभिन्न प्रकार की निर्योग्यताओं के गर्भ से हुआ है। ये निर्योग्यताएं राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक और सामाजिक, सभी क्षेत्रों से सम्बन्धित हैं। अतः अनुसूचित जातियों के स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए कोई एक पक्षीय प्रयत्न निरर्थक सि) होगा। केवल शासन इस परम्परागत दुर्व्यवस्था को दूर करने में समर्थ नहीं हो सकता। सम्पूर्ण समाज के मानस को जगा कर समानता के आदर्शों को व्यावहारिक रूप देने से ही अनुसूचित जातियों की 'समस्याओं का वास्तविक निराकरण हो सकता है। अनुक्रम भारत में जाति संरचना जातियों का रूप परिवर्तन भारतीय मुस्लिम समाज जाति तथा वर्ग परिवर्तन जनजातियां तथा समस्याएं जातिगत सिांतों का मूल्यांकन अस्पृश्यता तथा अनुसूचित जातियों की समस्याएं जाति और सामाजिक गतिशीलता संस्कृतिकरण तथा सामाजिक परिवर्तन भारतीय राजनीति तथा जाति विभिन्न जाति अध्ययन तथा योगदान सामाजिक असमानता सामाजिक परिवर्तन के आधार
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अनुसूचित जातियों की समस्याएं अनेक प्रकार क हैं। उनकी समस्याओं का जन्म गत सामाजिक असमानता और धर्म के द्वारा समर्थिक विभिन्न प्रकार की निर्योग्यताओं के गर्भ से हुआ है। ये निर्योग्यताएं राजनीतिक, धार्मिक, आर्थिक और सामाजिक, सभी क्षेत्रों से सम्बन्धित हैं। अतः अनुसूचित जातियों के स्थिति में परिवर्तन लाने के लिए कोई एक पक्षीय प्रयत्न निरर्थक सि) होगा। केवल शासन इस परम्परागत दुर्व्यवस्था को दूर करने में समर्थ नहीं हो सकता। सम्पूर्ण समाज के मानस को जगा कर समानता के आदर्शों को व्यावहारिक रूप देने से ही अनुसूचित जातियों की 'समस्याओं का वास्तविक निराकरण हो सकता है।

अनुक्रम
भारत में जाति संरचना
जातियों का रूप परिवर्तन
भारतीय मुस्लिम समाज
जाति तथा वर्ग परिवर्तन
जनजातियां तथा समस्याएं जातिगत सिांतों का मूल्यांकन
अस्पृश्यता तथा अनुसूचित जातियों की
समस्याएं
जाति और सामाजिक गतिशीलता संस्कृतिकरण तथा सामाजिक परिवर्तन
भारतीय राजनीति तथा जाति
विभिन्न जाति अध्ययन तथा योगदान
सामाजिक असमानता
सामाजिक परिवर्तन के आधार

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