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Sahitya samaj aur samvidhan

Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: New Delhi Hans 2023Description: 263pISBN:
  • 9788196407643
Subject(s): DDC classification:
  • H 891.40342 SAH
Summary: राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, साम्प्रदायिक एकता आदि वे शब्द हैं जिनके अर्थों की एक विराट परिधि है । साधारण अर्थों में इन समस्त शब्दों से आशय व्यक्ति या व्यक्ति समूह की सकारात्मक एकजुटता से है और वह भी ऐसी जो राष्ट्रीयता या राष्ट्रवाद की वृद्धि करे, उसका पोषण करे न कि उसे क्षति पहुंचाये । इन्हीं सब शब्दों का मिला-जुला रूप ही राष्ट्रवाद को प्रदर्शित करता है । राष्ट्र की एकता, अखंडता, व्यक्ति की गरिमा और समस्त नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण संविधान के माध्यम से संभव है ।
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राष्ट्रीय एकता, अखण्डता, साम्प्रदायिक एकता आदि वे शब्द हैं जिनके अर्थों की एक विराट परिधि है । साधारण अर्थों में इन समस्त शब्दों से आशय व्यक्ति या व्यक्ति समूह की सकारात्मक एकजुटता से है और वह भी ऐसी जो राष्ट्रीयता या राष्ट्रवाद की वृद्धि करे, उसका पोषण करे न कि उसे क्षति पहुंचाये । इन्हीं सब शब्दों का मिला-जुला रूप ही राष्ट्रवाद को प्रदर्शित करता है । राष्ट्र की एकता, अखंडता, व्यक्ति की गरिमा और समस्त नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण संविधान के माध्यम से संभव है ।

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