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Awadh ke pramukh vrat-parva-tyohar evam riti-rivaj

By: Material type: TextTextPublication details: Prayagraj Lokbharti 2024Description: 269pISBN:
  • 9788119133093
Subject(s): DDC classification:
  • H 398.2 SIN
Summary: हमारा भारतवर्ष मुख्य रूप से कथा धर्मी देश है। तप-साधना से तो नव-नव ज्ञान की सूझें मिलती ही हैं पर चित्त की रस तृप्ति द्वारा प्रेरित संरचनात्मक धर्मिता से भी हमारे देश ने कुछ कम उपलब्धियाँ नहीं पाईं। इस बात को मैं बार-बार कहते हुए भी नही अघाता हूँ कि मुख्य रूप से भारत ही एक ऐसा देश है जिसने पुराण कथाओं के संग्रह और भारत जैसे आसमुद्र हिमालय वाले महादेश में वैष्णवधर्मी एक राष्ट्रीयता का निर्माण करने के लिए नैमिषारण्य में कथा यूनिवर्सिटी बनाई थी। लोक साहित्य-संगीत और कला में गहन रुचि रखने के साथ ही डॉ. विद्या विन्दु सिंह स्वयं भी कथाएँ लिखती हैं। कामना करता हूँ कि विदुषी लेखिका का कर्म और यश उत्तरोत्तर वर्द्धमान हो।
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Books Books Gandhi Smriti Library H 398.2 SIN (Browse shelf(Opens below)) Available 180318
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हमारा भारतवर्ष मुख्य रूप से कथा धर्मी देश है। तप-साधना से तो नव-नव ज्ञान की सूझें मिलती ही हैं पर चित्त की रस तृप्ति द्वारा प्रेरित संरचनात्मक धर्मिता से भी हमारे देश ने कुछ कम उपलब्धियाँ नहीं पाईं। इस बात को मैं बार-बार कहते हुए भी नही अघाता हूँ कि मुख्य रूप से भारत ही एक ऐसा देश है जिसने पुराण कथाओं के संग्रह और भारत जैसे आसमुद्र हिमालय वाले महादेश में वैष्णवधर्मी एक राष्ट्रीयता का निर्माण करने के लिए नैमिषारण्य में कथा यूनिवर्सिटी बनाई थी। लोक साहित्य-संगीत और कला में गहन रुचि रखने के साथ ही डॉ. विद्या विन्दु सिंह स्वयं भी कथाएँ लिखती हैं। कामना करता हूँ कि विदुषी लेखिका का कर्म और यश उत्तरोत्तर वर्द्धमान हो।

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