Kahi kuch kam hai
Material type:
- H 891.431 SHA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 891.431 SHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 169135 |
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शहरयार की कविताओं में जीवन की अंत:लय मौजूद है। अभिव्यक्ति के सधे हुए शिल्प में कहीं कुछ कम है की कविताएं कवि के संयमित विवेक और शिल्प-सजगता का परिचायक हैं। इन कविताओं में भावों का भरापूरा संसार है तथा संवेदना की नमी से भीगी पंक्तियां। कवि के हृदय कोष में प्रेम, करुणा, सदाशयता और आत्मीयता का समृद्ध संसार है। उसका आत्मघर हमदर्दी और पंचतत्वों के सहमेल का आख्यान है
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