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Bharat ka manav bhugol

By: Material type: TextTextPublication details: Delhi Amatra 2023Description: 200pISBN:
  • 9789392605444
Subject(s): DDC classification:
  • CS 307.24 SIN
Summary: भारत में पाई जाने वाली नृजातीय एवं जातीय लक्षणों की विस्मयकारी विविधता के पृष्ठ में उप-महाद्वीप में मानव बसाव की प्रक्रिया के विभिन्न तरीकों एवं रूपों की विद्यमानता महत्त्वपूर्ण रही है। विभिन्न नृजातियों के मानव समूह अलग-अलग समय बिंदुओं पर इस क्षेत्र में प्रविष्ट हुए हैं। इन समूहों के अप्रवास तथा भारत में बसने, तदोपरांत भारत के विभिन्न भागों में विचरने के परिणामस्वरूप देश की विभिन्न नृजातीय व सांस्कृतिक धाराओं के बीच अधिकाधिक अंतःक्रिया सम्पन्न हुई है। भौगोलिक कारकों ने आप्रवास की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित विशाल हिमालय, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम में समुद्र का विस्तार तथा पश्चिमी सीमा पर फैला रेगिस्तान आप्रवास की मात्र उत्तर-पश्चिम में स्थित हिमालय के दरों के माध्यम से ही संभव बनाता है। कुछ आप्रवास पूर्वोत्तर की पहाड़ियों में स्थित दरों के माध्यम से भी हुआ है।
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भारत में पाई जाने वाली नृजातीय एवं जातीय लक्षणों की विस्मयकारी विविधता के पृष्ठ में उप-महाद्वीप में मानव बसाव की प्रक्रिया के विभिन्न तरीकों एवं रूपों की विद्यमानता महत्त्वपूर्ण रही है। विभिन्न नृजातियों के मानव समूह अलग-अलग समय बिंदुओं पर इस क्षेत्र में प्रविष्ट हुए हैं। इन समूहों के अप्रवास तथा भारत में बसने, तदोपरांत भारत के विभिन्न भागों में विचरने के परिणामस्वरूप देश की विभिन्न नृजातीय व सांस्कृतिक धाराओं के बीच अधिकाधिक अंतःक्रिया सम्पन्न हुई है। भौगोलिक कारकों ने आप्रवास की प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में स्थित विशाल हिमालय, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम में समुद्र का विस्तार तथा पश्चिमी सीमा पर फैला रेगिस्तान आप्रवास की मात्र उत्तर-पश्चिम में स्थित हिमालय के दरों के माध्यम से ही संभव बनाता है। कुछ आप्रवास पूर्वोत्तर की पहाड़ियों में स्थित दरों के माध्यम से भी हुआ है।

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