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Sameer: Lafzon Ke Sath Safarnama

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: New Delhi Vani 2025Description: 191pISBN:
  • 9789369449309
Subject(s): DDC classification:
  • H 920.71 BOS
Summary: एक ऐसे आदमी का ख़ूबसूरत ज़िन्दगीनामा जिसने अपने सफ़र की शुरुआत ज़िन्दगी की सबसे नीचे की सीढ़ी से की और अपनी मेहनत की बदौलत कामयाबी की बुलन्दियों को छुआ... एक मुकम्मल ज़िन्दगी का सच्चा गीत।” - लता मंगेशकर ★★★ “समीर न सिर्फ़ हमारी ख़्वाहिशों को एक रौशनी और भरोसा देते हैं बल्कि हमारी नाकामियों को कामयाबी में बदलने के लिए एक ज़रूरी हिम्मत भी देते हैं। उनकी यह जीवनी हमारे भीतर की ताक़त को ख़ुद अपने हक़ में इस्तेमाल करने में बहुत मददगार साबित होती है।"" - बी. आर. चोपड़ा, रवि चोपड़ा ★★★ “समीर उन कुछ विनम्र और सरल लोगों में शामिल हैं जिनके साथ हमें काम करने का मौक़ा मिला है। उनकी यह स्वाभाविक ईमानदारी लफ़्ज़ों के उनके इस सफ़रनामे में साफ़-साफ़ दिखती है।"" - यश चोपड़ा, आदित्य चोपड़ा ★★★ “मैंने समीर के लिखे अनेक गीतों को अपनी आवाज़ दी है और इस नतीजे पर पहुँची हूँ कि वे अपने मशहूर पिता स्वर्गीय अनजान के गीतों की विरासत के सबसे योग्य उत्तराधिकारी हैं। मैं उनके लिए प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं से भरी हुई हूँ।” - आशा भोसले ★★★ “मैं दुआ करता हूँ कि हमारे बीच के ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपनी ज़िन्दगियाँ ठीक ऐसे ही दर्ज करनी चाहिए जैसे समीर की ज़िन्दगी को इस किताब में किया गया है।"" - आमिर ख़ान ★★★ “यह किताब हमें ज़िन्दगी को हर बार एक नये सिरे से शुरू करने का सबक़ देती है और यह बताती है कि मुश्किलें और नाकामियाँ दरअसल आदमी की सफलता की शुरुआती सीढ़ियाँ हैं। ज़िन्दगी की सबसे बड़ी चुनौती सिर्फ कामयाब होना नहीं, बल्कि उस कामयाबी को बरक़रार रखना है।"" - सुभाष घई ★★★ “यह किताब उन सभी नौजवानों के लिए मशाल की एक लौ की तरह है जो बॉलीवुड में अपना एक ख़ास और अलग मुक़ाम बनाने के इरादे के साथ आते हैं। इस चकाचौंध से भरी दुनिया के पीछे का अँधेरा, संघर्ष का दर्द और इस दुनिया की ख़ुशियाँ और हताशाएँ इस किताब में उस आदमी के ज़रिये शानदार अन्दाज़ में नुमाया हुई हैं जिसने बॉलीवुड की तिलस्मी दुनिया को बेहद क़रीब से देखा और अपने सपनों को अंजाम तक पहुँचाया है। यह एक ज़रूरी तौर पर पढ़ी जाने लायक़ किताब है।” - महेश भट्ट ★★★ “यह एक अद्भुत और प्रेरणादायक किताब है और इसे बहुत शानदार तरीक़े से लिखा गया है। एक गहरी अन्तर्दृष्टि से सम्पन्न और महत्त्वपूर्ण जानकारियों से समृद्ध यह किताब शुरू से लेकर आख़िर तक पढ़ी जाने लायक़ है।"" - संजय लीला भंसाली ★★★ “समीर फ़िल्म-उद्योग के प्रति गहरी अन्तर्दृष्टि और संवेदनशीलता से भरे हुए हैं, इस बात की झलक किताब में एक गहरे प्रभाव के साथ प्रतिबिम्बित होती है। उनके तजुर्गों की चमक हमें बार-बार चमत्कृत करती है।
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Books Books Gandhi Smriti Library H 920.71 BOS (Browse shelf(Opens below)) Available 180740
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एक ऐसे आदमी का ख़ूबसूरत ज़िन्दगीनामा जिसने अपने सफ़र की शुरुआत ज़िन्दगी की सबसे नीचे की सीढ़ी से की और अपनी मेहनत की बदौलत कामयाबी की बुलन्दियों को छुआ... एक मुकम्मल ज़िन्दगी का सच्चा गीत।” - लता मंगेशकर ★★★ “समीर न सिर्फ़ हमारी ख़्वाहिशों को एक रौशनी और भरोसा देते हैं बल्कि हमारी नाकामियों को कामयाबी में बदलने के लिए एक ज़रूरी हिम्मत भी देते हैं। उनकी यह जीवनी हमारे भीतर की ताक़त को ख़ुद अपने हक़ में इस्तेमाल करने में बहुत मददगार साबित होती है।"" - बी. आर. चोपड़ा, रवि चोपड़ा ★★★ “समीर उन कुछ विनम्र और सरल लोगों में शामिल हैं जिनके साथ हमें काम करने का मौक़ा मिला है। उनकी यह स्वाभाविक ईमानदारी लफ़्ज़ों के उनके इस सफ़रनामे में साफ़-साफ़ दिखती है।"" - यश चोपड़ा, आदित्य चोपड़ा ★★★ “मैंने समीर के लिखे अनेक गीतों को अपनी आवाज़ दी है और इस नतीजे पर पहुँची हूँ कि वे अपने मशहूर पिता स्वर्गीय अनजान के गीतों की विरासत के सबसे योग्य उत्तराधिकारी हैं। मैं उनके लिए प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं से भरी हुई हूँ।” - आशा भोसले ★★★ “मैं दुआ करता हूँ कि हमारे बीच के ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपनी ज़िन्दगियाँ ठीक ऐसे ही दर्ज करनी चाहिए जैसे समीर की ज़िन्दगी को इस किताब में किया गया है।"" - आमिर ख़ान ★★★ “यह किताब हमें ज़िन्दगी को हर बार एक नये सिरे से शुरू करने का सबक़ देती है और यह बताती है कि मुश्किलें और नाकामियाँ दरअसल आदमी की सफलता की शुरुआती सीढ़ियाँ हैं। ज़िन्दगी की सबसे बड़ी चुनौती सिर्फ कामयाब होना नहीं, बल्कि उस कामयाबी को बरक़रार रखना है।"" - सुभाष घई ★★★ “यह किताब उन सभी नौजवानों के लिए मशाल की एक लौ की तरह है जो बॉलीवुड में अपना एक ख़ास और अलग मुक़ाम बनाने के इरादे के साथ आते हैं। इस चकाचौंध से भरी दुनिया के पीछे का अँधेरा, संघर्ष का दर्द और इस दुनिया की ख़ुशियाँ और हताशाएँ इस किताब में उस आदमी के ज़रिये शानदार अन्दाज़ में नुमाया हुई हैं जिसने बॉलीवुड की तिलस्मी दुनिया को बेहद क़रीब से देखा और अपने सपनों को अंजाम तक पहुँचाया है। यह एक ज़रूरी तौर पर पढ़ी जाने लायक़ किताब है।” - महेश भट्ट ★★★ “यह एक अद्भुत और प्रेरणादायक किताब है और इसे बहुत शानदार तरीक़े से लिखा गया है। एक गहरी अन्तर्दृष्टि से सम्पन्न और महत्त्वपूर्ण जानकारियों से समृद्ध यह किताब शुरू से लेकर आख़िर तक पढ़ी जाने लायक़ है।"" - संजय लीला भंसाली ★★★ “समीर फ़िल्म-उद्योग के प्रति गहरी अन्तर्दृष्टि और संवेदनशीलता से भरे हुए हैं, इस बात की झलक किताब में एक गहरे प्रभाव के साथ प्रतिबिम्बित होती है। उनके तजुर्गों की चमक हमें बार-बार चमत्कृत करती है।

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