Parthsarathi rock
Material type:
- 9789357754163
- H SIN S
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | H SIN S (Browse shelf(Opens below)) | Available | 180731 |
कविता लिखना जिन्हें कठिन लगता है और गद्य जिनकी कसौटी है, दोनों ही तरह के रचनाकारों के लिए सर्वेश सिंह की क़लम एक उदाहरण की तरह रोशन है उनकी कविता 'हिन्दू' जितनी लोकप्रिय हुई थी, उनकी कहानी ‘मशान भैरवी' की प्रभविष्णुता उससे कुछ कम न थी जिस पर फ़िल्म बनी और देश-विदेश में सराही गयी। आलोचना के तो वे उस्ताद हैं! यहाँ बात, उनके उपन्यास पर । पार्थसारथी रॉक सर्वेश सिंह ही लिख सकते थे। सो आप जानेंगे जब इस उपन्यास को पढ़ डालेंगे, अन्तिम पंक्ति तक। ये उपन्यास याद किया जाता रहेगा न सिर्फ़ अपने विन्यास और शब्द शक्ति के लिए, इसके ताक़तवर कथ्य और भारतीय शिल्प की उस परम्परा के लिए भी जिसमें आपने क्लासिक तो कई पढ़े होंगे, लेकिन इस सनातन परम्परा में अब रचनाकार लिखते नहीं क्योंकि इसे साध पाना किसी आचार्य - लेखक का ही सामर्थ्य हो सकता है
There are no comments on this title.