Morcha dar Morcha
Material type:
- CS 363.2 BED
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | CS 363.2 BED (Browse shelf(Opens below)) | Available | 66310 |
किसी भी इन्सान की अपनी योजनाओं और कार्य प्रणाली में विश्वास की परख उस समय होती है जब उसके सामने फैला क्षितिज सम्पूर्ण रूप से अन्धकारमय हो जाता है।" ऐसा मत था महात्मा गांधी का। इस कठिनाई को डॉ. किरण बेदी ने अनेक बार झेला है। हर बार वह अन्धकार को चीर कर इस पार आ पहुँची हैं। अपनी बात की सुनवाई के लिए किरण ने सिर्फ अपना खून-पसीना नहीं बहाया, और भी बहुत कुछ किया है। जिसे आप मोर्चा-दर-मोर्चा पढ़ेंगे, पाएँगे, महसूसेंगे। वह कहती "अगर कोई मुझे दीवार के ऊपरी सिरे तक भी धकेल दे तो भी मैं अपना काम जारी रखते हुए कोई न कोई दरार उस ठंडी कठोर दीवार में ढूंढ़कर समस्या का हल ढूँढ़ लूँगी।
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