Anuvad ke vividh aayam
Material type:
- 8185727481
- H 418.02 TAN
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 418.02 TAN (Browse shelf(Opens below)) | Available | 66273 |
अनुवाद एक ‘तकनीक’ भी है, ‘कला' भी है, 'विज्ञान' भी है और 'शिल्प' भी है। इस दृष्टि से अनुवाद के स्वरूप के इन विविध आयामों को देखने-परखने का एक विनम्र प्रयास इस पुस्तक में किया गया है। अनुवाद के अनेक नए क्षेत्र भी अब खुल रहे हैं। पत्रकारिता में, विधि में, बैंक में, रेलवे में, संसद में, कार्यालय में, शिक्षा में, व्यापार-व्यवसाय में, रेडियो-दूरदर्शन में, कम्प्यूटर में और इसी प्रकार कितने ही अन्य अनेक क्षेत्रों में अनुवाद का बदलता स्वरूप, बदलती प्रक्रिया और बदलते परिणाम हमारे सामने आ रहे हैं। इस दृष्टि से भी इस पुस्तक को यथासंभव अद्यतन बनाने का प्रयास किया गया है।
यों अनुवाद सिद्धान्त और व्यवहार पर अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। किन्तु “हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता"। अभी अनेक संभावनाएँ शेष हैं। प्रयास जारी हैं। आने वाले समय में इसी श्रृंखला में कुछ और श्रीवृद्धि हो, ऐसा प्रयास हमारा भी रहेगा। इस पुस्तक को इस रूप में प्रकाशित करने के लिए हम 'तक्षशिला प्रकाशन' के संचालक तथा साहित्य एवं भाषा के एकनिष्ठ सेवी श्री तेजसिंह बिष्ट जी के प्रति हार्दिक आभार प्रकट करते हैं।
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