Bankon mein Hindi ka prayog
Material type:
- 817028122X
- H 491.43 KAN
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 491.43 KAN (Browse shelf(Opens below)) | Available | 66000 |
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बैंकों और बैंकिंग से संबंधित एक विशिष्ट मौलिक पुस्तक जो हिन्दी के सिद्धहस्त लेखक एवं पिछले अनेक वर्षों से रिज़र्व बैंक में राजभाषा अधिकारी के रूप में सेवारत सुरेश कांत द्वारा लिखित है । इस पुस्तक में बैंकों में हिन्दी के प्रयोग के सभी पहलुओं का विवेचन लेखक ने अपने दीर्घ अनुभव के आधार पर व्यावहारिक एवं शास्त्रीय दृष्टियों से किया है, यथा राष्ट्रभाषा बनाम राजभाषा, हिन्दी की प्रशासनिक पृष्ठभूमि, बैंकों की राजभाषा नीति, बैंकों में कामकाजी हिन्दी स्वरुप, हिन्दी की मानक वर्तनी, उसका शुद्धि परक व्याकरण, बैंकिंग के संदर्भ में शब्द निर्माण की प्रक्रिया और साथ में हैं इन सबके सार्थक, सटीक उदाहरण ।
यह पुस्तक बैंक कर्मियों तथा बैंकों की परीक्षाओं में बैठने वालों के तो विशेष उपयोग की है ही, इसके अतिरिक्त हिन्दी अधिकारी, अनुवादक, लेखक, पत्रकार, अध्यापक तथा व्याख्याता भी पर्याप्त लाभान्वित हो सकते हैं। कामकाजी हिंदी के बारे में जानकारी चाहने वाले सुधी पाठकों के लिए भी यह उतनी ही ज्ञान वर्धक है
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