Arvind ne kaha tha / edited by Giriraj Sharan
Material type:
- H 181.4 GHO c.3
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 181.4 GHO c.3 (Browse shelf(Opens below)) | Available | 65887 |
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स्वराज्य के बिना राष्ट्र मृतक समान है उसकी आत्मा स्वराज्य के अभाव में भटकती फिरती है। कोई भी राष्ट्र स्वराज्य के बिना अपनी उन्नति के सोपान का निर्माण नहीं कर सकता । राष्ट्रवाद स्वराज्य प्राप्ति का अमोघ अस्त्र है।
अरविन्द महान् अध्यात्म पुरुष थे - प्रकाण्ड पाण्डित्य और गहन अन्तर्दृष्टि के स्वामी । साधना के माध्यम से विश्व को दिव्य, निर्मल व सुमधुर जीवन देने हेतु उन्होंने योग का रास्ता चुना ।
ऐसे क्रान्तिकारी विचारक, सहज योगी, अध्यात्म पुरुष महर्षि अरविन्द के प्रेरक व शक्ति दायी विचारों से भारत की नयी पीढ़ी को परिचित कराने के उद्देश्य से ही इस पुस्तक की रचना हुई है ।
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