Samprdayikta rashtriya pahichan aur rastrya ekikaran / edited by Anand Prakash Saraswat
Material type:
- H 320.54 SAM
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 320.54 SAM (Browse shelf(Opens below)) | Available | 56550 |
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राष्ट्रीय एकीकरण एक उलझा हुआ विषय है। आज हमारे सामने, हमारे नवोदित राष्ट्र के सामने, हमारे प्रजा तंत्र के सामने ये प्रश्न मुंह बाए खड़े हैं कि हम राष्ट्रीय एकीकरण कैसे करें ? इस दिशा में कैसे और किस ओर से आगे बढ़ें ? सही नीतियों के आधार पर ही हम इस कार्य को बढ़ा सकते हैं । हम देखते हैं कि इस दिशा में उठाए गये गलत कदमों और भूल भरी नीतियों ने भयंकर स्थितियाँ पैदा कर दी है । इस कारण यह जानना आवश्यक है कि इच्छित दिशा में सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन लाने के लिये किन आधारों पर राष्ट्रीय नीतियों का निर्माण किया जाय।
उपरोक्त अनेक प्रश्नों के उत्तर इस ग्रन्थ में प्रस्तुत शोध पत्रों के माध्यम से ढूंढने का प्रयत्न किया गया है। इच्छित दिशा में परिवर्तन लाने के लिये किन आधारों पर नीति निर्माण किया जाय; वे कौन सी नीति सम्बन्धी भूलें हैं जो आज स्वतंत्र भारत में आर्थिक-सामाजिक विकारा के मार्ग में बाधकवन गई हैं; इन भूलों को कैसे दूर किया जा सकता है, शिक्षा क्षेत्र में हम अल्पसंख्यक शिक्षा और बहुसंख्यक शिक्षा का भेद कैसे दूर करें धर्म निरपेक्षता का हमारा दृष्टिकोण क्या हो इत्यादि पर विस्तृत शोध किया गया है । यह स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है कि राही नीतियां हो राष्ट्रीय विकास का आधार बन सकेंगी और वे इच्छित एवं वांछित परिवर्तन ला सकेंगी जिनकी हम आशा करते हैं।
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