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Pramanik hindi shabda sagar v.1990

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi; Hindi Book Center; 1990Description: 786 pDDC classification:
  • H 491.433 PAR
Summary: 'प्रामाणिक हिन्दी शब्द सागर' शब्द ज्ञान के लिए 'गागर में सागर' की भांति है। अनावश्यक रूप से शब्दों की भरमार कर इसके आकार को बढ़ाने की चेष्टा नहीं की गई। प्रामाणिक रूप से उपयुक्त शब्दों को सम्पादित कर इसे अध्येयताओं के लिए संग्रहणीय एवं उपयोगी बनाया गया है । इसके प्रारम्भ में अध्येयता की सुविधा की दृष्टि से संकेताक्षरों की तालिका दी गई है जिससे शब्दों के अर्थ सम झने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। भारतीय संविधान परिषद् द्वारा स्वीकृत संविधान शब्दावली को कोश के परिशिष्ट रूप में संकलित किया गया है। इस प्रकार 'प्रामाणिक हिन्दी शब्द सागर' आज अद्यतन कोश की प्रथम श्रेणी का ग्रन्थ सिद्ध होगा हिन्दी जगत में यह कोश ग्रन्थ अपना विशिष्ठ स्थान बना सकेगा ऐसा हमारा विश्वास है इसके सम्पादन में विशेष रूप से यह ध्यान रखा गया है कि केन्द्रीय तथा प्रान्तीय कार्यालयों में कार्य करने वाले अधिकारियों एवं बैंक, आदि के कार्य कर्त्ता भी इससे लाभान्वित हों साथ ही विधान सभा सचिवालय, शासन कार्यालयों, न्यायालयों आदि से संबंधित उपयोगी शब्दों का भी समावेश किया गया है। इसके अतिरिक्त व्याकरण की दृष्टि से अलंकार, सर्वनाम, लिंग भेद एवं सर्व प्रकार के 'साहित्यिक शब्दों का उपयुक्त, सरल एवं व्यवहारिक अर्थ दिया गया है।
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'प्रामाणिक हिन्दी शब्द सागर' शब्द ज्ञान के लिए 'गागर में सागर' की भांति है। अनावश्यक रूप से शब्दों की भरमार कर इसके आकार को बढ़ाने की चेष्टा नहीं की गई। प्रामाणिक रूप से उपयुक्त शब्दों को सम्पादित कर इसे अध्येयताओं के लिए संग्रहणीय एवं उपयोगी बनाया गया है । इसके प्रारम्भ में अध्येयता की सुविधा की दृष्टि से संकेताक्षरों की तालिका दी गई है जिससे शब्दों के अर्थ सम झने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। भारतीय संविधान परिषद् द्वारा स्वीकृत संविधान शब्दावली को कोश के परिशिष्ट रूप में संकलित किया गया है। इस प्रकार 'प्रामाणिक हिन्दी शब्द सागर' आज अद्यतन कोश की प्रथम श्रेणी का ग्रन्थ सिद्ध होगा

हिन्दी जगत में यह कोश ग्रन्थ अपना विशिष्ठ स्थान बना सकेगा ऐसा हमारा विश्वास है इसके सम्पादन में विशेष रूप से यह ध्यान रखा गया है कि केन्द्रीय तथा प्रान्तीय कार्यालयों में कार्य करने वाले अधिकारियों एवं बैंक, आदि के कार्य कर्त्ता भी इससे लाभान्वित हों साथ ही विधान सभा सचिवालय, शासन कार्यालयों, न्यायालयों आदि से संबंधित उपयोगी शब्दों का भी समावेश किया गया है। इसके अतिरिक्त व्याकरण की दृष्टि से अलंकार, सर्वनाम, लिंग भेद एवं सर्व प्रकार के 'साहित्यिक शब्दों का उपयुक्त, सरल एवं व्यवहारिक अर्थ दिया गया है।

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