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Sanyukt rashtra ka chartar

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi; Vidhayi Vibhag; 1987Description: 62 pSubject(s): DDC classification:
  • H 341.23 BHA
Summary: विधि के क्षेत्र में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग के क्रमिक विकास का कार्य विधि और न्याय मंत्रालय के राजभाषा खण्ड को सौंपा गया है। राजभाषा अधिनियम, 1963 के कार्यान्वयन में यह खण्ड, अंग्रेजी भाषा में पारित अधिनियमों, नियम, विनियमों आदि के हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ तैयार करता है। इसी दिशा में, सरकारी कार्यालयों में आमतौर से प्रयुक्त होने वाले करार, निविदा, बंधपत्र, संविदा आदि विधिक दस्तावेजों के मानक हिन्दी-अंग्रेजी पाठ की पांच जिल्हें भी यह खण्ड प्रकाशित कर चुका है। मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति ने अपनी एक बैठक में यह सुझाव दिया था कि अन्तरराष्ट्रीय विधि विलेखों के भी हिन्दी अनुवाद राजभाषा खण्ड तैयार करे । अन्तरराष्ट्रीय विधि विलेखों में "संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर" बहुत महत्व का है। अतः इस 'अन्तरराष्ट्रीय विधि मिले माला के प्रथम पुष्प में "संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर " हिन्दी-अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया जा रहा है । शीघ्र ही इस माला में अन्य महत्वपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय विधि विलेयों के हिन्दी पाठ प्रकाशित किए जाएंगे। आशा है कि इनसे अन्तरराष्ट्रीय विधि के अध्यापक, छात्र, अध्येता और अधिवक्ता लाभान्वित होंगे। हिन्दी के प्रयोग को भी इससे गति मिलेगी। विदेशों में भारतीय दूतावासों तथा भारत में स्थित विदेशी दूतावासों तथा अन्य राजनयिक कार्यालयों और अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं के लिए भी ये विजेय निश्वय ही उपयोगी सिद्ध होंगे।
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विधि के क्षेत्र में राजभाषा हिन्दी के प्रयोग के क्रमिक विकास का कार्य विधि और न्याय मंत्रालय के राजभाषा खण्ड को सौंपा गया है। राजभाषा अधिनियम, 1963 के कार्यान्वयन में यह खण्ड, अंग्रेजी भाषा में पारित अधिनियमों, नियम, विनियमों आदि के हिन्दी भाषा में प्राधिकृत पाठ तैयार करता है। इसी दिशा में, सरकारी कार्यालयों में आमतौर से प्रयुक्त होने वाले करार, निविदा, बंधपत्र, संविदा आदि विधिक दस्तावेजों के मानक हिन्दी-अंग्रेजी पाठ की पांच जिल्हें भी यह खण्ड प्रकाशित कर चुका है।

मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति ने अपनी एक बैठक में यह सुझाव दिया था कि अन्तरराष्ट्रीय विधि विलेखों के भी हिन्दी अनुवाद राजभाषा खण्ड तैयार करे । अन्तरराष्ट्रीय विधि विलेखों में "संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर" बहुत महत्व का है। अतः इस 'अन्तरराष्ट्रीय विधि मिले माला के प्रथम पुष्प में "संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर " हिन्दी-अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया जा रहा है ।

शीघ्र ही इस माला में अन्य महत्वपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय विधि विलेयों के हिन्दी पाठ प्रकाशित किए जाएंगे। आशा है कि इनसे अन्तरराष्ट्रीय विधि के अध्यापक, छात्र, अध्येता और अधिवक्ता लाभान्वित होंगे। हिन्दी के प्रयोग को भी इससे गति मिलेगी। विदेशों में भारतीय दूतावासों तथा भारत में स्थित विदेशी दूतावासों तथा अन्य राजनयिक कार्यालयों और अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं के लिए भी ये विजेय निश्वय ही उपयोगी सिद्ध होंगे।

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