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Hindi patrakarita:gadhya vidhaye aur Banarasi das chaturvedi v.1990

By: Material type: TextTextPublication details: Delhi; Sarita Book House; 1990Description: 238 pSubject(s): DDC classification:
  • H 070.924 JOS
Summary: यह पुस्तक मूलतः पी० एच० डी० उपाधि के लिए प्रस्तुत शोधप्रबन्ध है, जिस पर 1988 में गढ़वाल विश्व विद्यालय ने उपाधि प्रदान की थी । इस पुस्तक में हिन्दी पत्रकारिता के विकास - इतिहास तथा गद्य की नवीन विधाओं के स्वरूप - विकास पर गहन वचार - विश्लेषण करने के साथ-साथ हिन्दी पत्रकारिता तथा गद्य-विधाओं के निर्माता युगपुरुष साहित्यसेवी पं० बनारसी दास चतुर्वेदी के योगदान का अध्ययन-मूल्यांकन किया गया है । इसके सभी परीक्षकों की राय है कि यह शोधकार्य हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता दोनों ही विषयों में एक महत्वपूर्ण कार्य है और समान रूप से उपयोगी है ।
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यह पुस्तक मूलतः पी० एच० डी० उपाधि के लिए प्रस्तुत शोधप्रबन्ध है, जिस पर 1988 में गढ़वाल विश्व विद्यालय ने उपाधि प्रदान की थी ।

इस पुस्तक में हिन्दी पत्रकारिता के विकास - इतिहास तथा गद्य की नवीन विधाओं के स्वरूप - विकास पर गहन वचार - विश्लेषण करने के साथ-साथ हिन्दी पत्रकारिता तथा गद्य-विधाओं के निर्माता युगपुरुष साहित्यसेवी पं० बनारसी दास चतुर्वेदी के योगदान का अध्ययन-मूल्यांकन किया गया है ।

इसके सभी परीक्षकों की राय है कि यह शोधकार्य हिन्दी साहित्य और पत्रकारिता दोनों ही विषयों में एक महत्वपूर्ण कार्य है और समान रूप से उपयोगी है ।

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