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Manak Hindi ka etihasik vyakaran

By: Material type: TextTextPublication details: Allahabad; Mahamati; 1979Description: 743 pDDC classification:
  • H 491.435 JAI
Summary: जिस ऐतिहासिक व्याकरण के अध्ययन की आवश्यकता की ओर आचार्य कामता प्रसाद गुरु ने संकेत किया है, उसी ऐतिहासिक व्याकरण के अभाव की पूर्ति का यत्किंचित प्रयास प्रस्तुत ग्रंथ में किया गया है । इसमें प्राचीन, मध्यकालीन तथा आधुनिक मानक हिन्दी के मूल ग्रन्थों से व्याकरणिक रूपों और प्रयोगों को संग्रहीत करके उनका वैज्ञानिक विवेचन करने का प्रयास किया गया है।
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जिस ऐतिहासिक व्याकरण के अध्ययन की आवश्यकता की ओर आचार्य कामता प्रसाद गुरु ने संकेत किया है, उसी ऐतिहासिक व्याकरण के अभाव की पूर्ति का यत्किंचित प्रयास प्रस्तुत ग्रंथ में किया गया है । इसमें प्राचीन, मध्यकालीन तथा आधुनिक मानक हिन्दी के मूल ग्रन्थों से व्याकरणिक रूपों और प्रयोगों को संग्रहीत करके उनका वैज्ञानिक विवेचन करने का प्रयास किया गया है।

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