Panno se utarti chandni : पन्नो से उतरती चाँदनी
Material type:
- 9789363069770
- H 891.4303 PAN
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | H 891.4303 PAN (Browse shelf(Opens below)) | Available | 180470 |
Browsing Gandhi Smriti Library shelves Close shelf browser (Hides shelf browser)
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
![]() |
||
H 891.4303 JOS Kuchh alpa viraam | H 891.4303 MAN Berojgari ka chhatra | H 891.4303 MUR Sudha Murty ki lokpriya kahaniyan "सुधा मूर्ति की लोकप्रिय कहानियाँ" | H 891.4303 PAN Panno se utarti chandni : पन्नो से उतरती चाँदनी | H 891.4303 SAM Samkaleen sabhyata ke sankat ki mahagatha : nirvasan | H 891.4303 SAM Samkalin katha sahitya | H 891.4303 SHA V.1 Shatabdi ki kaaljayi kahaniyan |
ऐसे समय में नीरजा पाण्डेय का यह उपन्यास आया है जब नारी उत्पीड़न की न जाने कितनी घटनायें हम सभी प्रतिदिन अखबार में पढ़ते हैं, जो हमको अधिक सोचने के लिए विवश करती हैं और फिर हम उन्हें भुलाकर अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त हो जाते हैं। दिन-पर-दिन वर्ष-पर-वर्ष बीतते जाते हैं, न हमारी सोच बदलती है न समाज का ढंग बदलता है। क्या हमने कभी सोचा है कि ये घटनायें जिसके ऊपर गुजरती हैं उसका जीवन कितना अभिशप्त हो जाता है? क्या गुनाह होता है उसका जिसके लिए उसे पूरा जीवन न्योछावर करना पड़ता है? उस बेटी को भी तो कभी माँ ने नौ महीने अपनी कोख में रखा था। उसकी हर किलकारी पर सभी न्योछावर हुए थे। जब पहली बार घर में उसने डगमगाते कदम रखे थे तो माता-पिता का हृदय खुशी से फूला नहीं समाया था। कभी भी किसी को यह आभास नहीं हुआ कि बेटे की हँसी मन को ज्यादा खुश करती है और लड़की की किलकारी कम।
There are no comments on this title.