Pak-China sambandh aur Bharat
Material type:
- 9789383435234
- H 327.549051 SIN
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 327.549051 SIN (Browse shelf(Opens below)) | Available | 169003 |
चीन विश्व में आर्थिक एवं सैन्य शक्ति के आधार पर तीसरे नंबर पर स्थान रखता है। वहीं दक्षिण- पूर्व एशिया में प्रथम स्थान ग्रहण करने के लिए भारत के लिए चुनौती बना हुआ है। यही कारण है कि चीन दक्षिण एशियाई देशों से भारत को अलग-थलग करने के षड्यंत्र रच रहा है। चीन ने भारत के पड़ोसी देश नेपाल को आर्थिक सहायता प्रदान कर वहाँ की राजनीति में हस्तक्षेप कर नेपाल में भारत के प्रभाव को कम किया है। चीन पाकिस्तान से मित्रता कर उसे आर्थिक, राजनीतिक एवं सैन्य सहायता देकर अमेरिका से दूर रहने की सलाह दे रहा है। पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा द्धसी- पी- ई- सी-ऋ के द्वारा हिन्द महासागर एवं अरब सागर तक पहुँचने का रास्ता तैयार किया है जिससे भारत की घेराबंदी की जा सके। इतना ही नहीं, चीन ने म्यांमार, श्रीलंका, बांग्लादेश में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं जिससे भारत की पूर्ण घेराबंदी की जा सके। भारत संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में शांति रक्षा के प्रति कृतसंकल्प रहा है और उसने पश्चिम एशिया में संयुक्त राष्ट्र के विश्वशांति अभियानों के लिए भारतीय सैनिक उपलब्ध कराने पर सहमति देकर अपनी भूमिका को स्पष्ट किया है। भारत ने कभी भी किसी भी देश की सीमा का अतिक्रमण नहीं किया परंतु दुर्भाग्यवश उसे सदियों से बाह्य आक्रांताओं के आक्रमण झेलने पड़े हैं। वर्तमान में पाकिस्तान व चीन भारत की सीमाओं पर आँख गड़ाए बैठे हैं। उपरोक्त कारणाें को देखते हुए भारत को सैन्य तैयारी करनी पड़ रही है। आज भारत की सेना विश्व में अपना उचित स्थान रखती है।
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