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Aaine, aks aur saye

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Anamika 2024Description: 232pISBN:
  • 9789395404594
Subject(s): DDC classification:
  • H 891.431 SAJ
Summary: ‘आईने, अक्स और साए’ 21वीं सदी की हिंदी ग़ज़ल-यात्रा की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। जगमोहन राय ‘सजल’ की ग़ज़लें, एक तरह से अंतर्मन की ही अनुभूतियाँ हैं। अभिव्यक्ति का यह एक ऐसा मिजाज़ है जो जीवन-बोध के सूक्ष्म रास्तों से होकर आता है। जगमोहन इन्हीं सूक्षम रास्तों के पदयात्री हैं, जो आहटों को संगीत में बदल देने का हौसला रखते हैं। उनकी ग़ज़लें आत्मपरक संवेदनाओं के दस्तावेज़ हैं। इनमें जहां हृदय को मोहने वाली प्रेमियों की संवेदनाएं हैं, वहीँ दुनिया की क्रूरतम घटनाओं और प्रकृति की प्रतिक्रियाओं से आंदोलित मन की संवेदनाएं भी। ‘सजल’ की श्रृंगार रस की ग़ज़लों ने जहां परम्परागत ग़ज़लों की श्री में वृद्धि की है, वहीँ अन्य ग़ज़लों ने फैज़ और दुष्यंत की ग़ज़लों की परम्परा को बढ़ाने का प्रयास किया है।
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Books Books Gandhi Smriti Library H 891.431 SAJ (Browse shelf(Opens below)) Available 180358
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‘आईने, अक्स और साए’ 21वीं सदी की हिंदी ग़ज़ल-यात्रा की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। जगमोहन राय ‘सजल’ की ग़ज़लें, एक तरह से अंतर्मन की ही अनुभूतियाँ हैं। अभिव्यक्ति का यह एक ऐसा मिजाज़ है जो जीवन-बोध के सूक्ष्म रास्तों से होकर आता है। जगमोहन इन्हीं सूक्षम रास्तों के पदयात्री हैं, जो आहटों को संगीत में बदल देने का हौसला रखते हैं। उनकी ग़ज़लें आत्मपरक संवेदनाओं के दस्तावेज़ हैं। इनमें जहां हृदय को मोहने वाली प्रेमियों की संवेदनाएं हैं, वहीँ दुनिया की क्रूरतम घटनाओं और प्रकृति की प्रतिक्रियाओं से आंदोलित मन की संवेदनाएं भी। ‘सजल’ की श्रृंगार रस की ग़ज़लों ने जहां परम्परागत ग़ज़लों की श्री में वृद्धि की है, वहीँ अन्य ग़ज़लों ने फैज़ और दुष्यंत की ग़ज़लों की परम्परा को बढ़ाने का प्रयास किया है।

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