Sukhi mrityu
Material type:
- 9788119835188
- H CAM A
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H CAM A (Browse shelf(Opens below)) | Available | 180445 |
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H CAM A Nirvaashan aur aadhipatya / translated by Sharad Chandra | H CAM A Plague | H CAM A Pehla Adami | H CAM A Sukhi mrityu | H CAM A Patan | H CAN Aatma ke liye Amrit | H CAN I Purana Naukar |
एक लोकप्रिय लेखक होने के साथ-साथ कामू एक महान चिन्तक भी थे। जीवन-भर वे अपनी आत्मा और प्रतिभा की पूरी शक्ति से, विचार के पूर्ण प्रयास तथा अन्तरात्मा की वेदना से अपने समय की जटिल व यातनाप्रद समस्याओं में उलझे रहे। उनकी रचनाओं में मानव की आत्मा के विद्रोह, सच्चे सुख के रहस्य की खोज और सत्य का मूल रूप जानने की चिर-अतृप्त जिज्ञासा बहुत गम्भीरता से व्यक्त हुई है। ‘सुखी मृत्यु’ उपन्यास भी जीवन-सुख और उसी में निहित मृत्यु-सुख को समझने के प्रयास का विवरण है। जीवन में सुख प्राप्त करना जिससे कि मृत्यु भी एक सुखद अनुभव रहे; ऐसा सम्पूर्ण सुख कैसे मिले? यही इस उपन्यास की केन्द्रीय समस्या है। उपन्यास का पहला भाग जीवन की इस समस्या का अदीप्त, अस्पष्ट पहलू हमारे सामने रखता है जब नायक के पास न तो मानसिक परिपक्वता है, न आर्थिक क्षमता और न ही समय। दूसरा भाग उसके मन के सुख, शान्ति और आन्तरिक आनन्द को प्रस्तुत करता है। कहा जाता है कि कामू के अत्यन्त चर्चित उपन्यास ‘अजनबी’ का अंकुर ‘सुखी मृत्यु’ उपन्यास में ही संहत है।
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