Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

Bharat ke pradhanmantri Narendra Modi

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Junior Diamond 2014Description: V.PISBN:
  • 9789383990320
Subject(s): DDC classification:
  • J 954.053092 MOD
Summary: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को विकास पुरुष के रूप में जाना जाता है। वे चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसीलिए उनके विकास मॉडल को पूरे देश में लागू किया जा रहा है। नरेंद्र मोदी जी का प्रभावशाली व्यक्तित्व, बेबाकपन, निडरता, कर्मठता, ईमानदारी और ओजस्वी वाणी उन्हें दुनिया के नेताओं से अलग करती है। यह पुस्तक उनके जीवन-संघर्ष और परिश्रम की कहानी है, जो भारत के प्रत्येक नागरिक को प्रेरणा देती है। आज उनका ‘नमो मंत्र’ देश विदेश में बहुत लोकप्रिय हो चुका है। आज देश-विदेश में भारत का नाम बहुत ही अदब से लिया जाता है और भारत के बारे में सबकी सोच बदलने लगी है। देश का विकास उनके कुशल नेतृत्व का परिणाम है। भारत के महापुरुष भारतीय महापुरुषों का पूरी दुनिया में कोई बराबरी नहीं है। इन महापुरुषों ने दुनिया-भर में अपने विवेक, विद्वता, साहस एवं संघर्ष का लोहा मनवाया है। जूनियर डायमंड की ओर से प्रकाशित ‘भारत के महापुरुष’ श्रृंखला में इन महापुरुषों की प्रेरक जीवनियां दी गई हैं। जीवनियों को इस श्रृंखला में बहुत ही रोचक शैली एवं सरल भाषा में प्रकाशित किया गया है। भारतीय संस्कृति और सभ्यता से ओतप्रोत इनकी जीवनियां बच्चों के व्यक्तित्व को निखारने में प्रेरणादायक कार्य करेगी। इन महापुरुषों की मेहनत, उनका समर्पण और सोच बच्चों के मन मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ेंगे। इस पुस्तक श्रृंखला की विशेषताएं: • इस श्रृंखला की सभी पुस्तकें बच्चों के समझने योग्य भाषा में लिखी गई हैं जिससे उन्हें पढ़ने में कठिनाई न हो। • भारत के लगभग सभी महापुरुषों से परिचित कराया गया है। • सभी पुस्तकों को कम-से-कम और छोटे-छोटे शीर्षकों के अंतर्गत बांटा गया है जिससे बच्चे इनसे संबंधित एक-एक घटनाक्रम को जानकर कंठस्थ कर सकें। • पुस्तक में प्रत्येक महापुरुष के समय के तत्कालीन हालात एवं परिवेश के बारे में भी चर्चा की गई है। इस पुस्तक को कैसे पढ़ें/पढ़ाएं: इस पुस्तक श्रृंखला को पढ़ते/पढ़ाते समय शांत माहौल का होना बहुत जरूरी है जिससे पढ़ते समय बच्चों का ध्यान और रोचकता भंग न हो। बच्चों को भारत के महापुरुषों के बारे में जानने के लिए उनमें रुचि व जिज्ञासा उत्पन्न करें और उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्हें बताएं कि इन महापुरुषों ने हमारे देश को महान बनाने के लिए क्या-क्या योगदान दिया। हर बात को सकारात्मक पहलू से देखने का नजरिया उत्पन्न कराएं जिससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़े और वे पुस्तक को पढ़ने में विशेष रुचि लें। माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण सुझाव: • बच्चों को यह पुस्तक पढ़ने के लिए दें एवं इसकी विशेषताओं के बारे में बताएं। • बच्चों को ऊंचे स्वर में पुस्तक पढ़ने के लिए कहें जिससे उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट हो सके। • हर एक बच्चे की याद करने/सीखने की अलग-अलग क्षमता होती है। अतः इस बात को ध्यान में रखकर चलें। • बच्चों को समझाने के लिए बहुत आसान रास्ता निकालें। • एक बार न समझे तो बार-बार समझाएं पर उत्तेजित कभी ना हों। • बच्चों में कल्पनाशक्ति का विकास करें। भारत के महापुरुषों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने वाली इस पुस्तक श्रृंखला की पुस्तकें • चाणक्य • छत्रपति शिवाजी • डॉ. राधाकृष्णन • महात्मा गांधी • गौतम बुद्ध • सुभाषचन्द्र बोस • मदर टेरेसा • स्वामी विवेकानंद • रवींद्रनाथ टैगोर
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Books Books Gandhi Smriti Library J 954.053092 MOD (Browse shelf(Opens below)) Available 180407
Total holds: 0

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को विकास पुरुष के रूप में जाना जाता है। वे चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। इसीलिए उनके विकास मॉडल को पूरे देश में लागू किया जा रहा है। नरेंद्र मोदी जी का प्रभावशाली व्यक्तित्व, बेबाकपन, निडरता, कर्मठता, ईमानदारी और ओजस्वी वाणी उन्हें दुनिया के नेताओं से अलग करती है। यह पुस्तक उनके जीवन-संघर्ष और परिश्रम की कहानी है, जो भारत के प्रत्येक नागरिक को प्रेरणा देती है। आज उनका ‘नमो मंत्र’ देश विदेश में बहुत लोकप्रिय हो चुका है। आज देश-विदेश में भारत का नाम बहुत ही अदब से लिया जाता है और भारत के बारे में सबकी सोच बदलने लगी है। देश का विकास उनके कुशल नेतृत्व का परिणाम है। भारत के महापुरुष भारतीय महापुरुषों का पूरी दुनिया में कोई बराबरी नहीं है। इन महापुरुषों ने दुनिया-भर में अपने विवेक, विद्वता, साहस एवं संघर्ष का लोहा मनवाया है। जूनियर डायमंड की ओर से प्रकाशित ‘भारत के महापुरुष’ श्रृंखला में इन महापुरुषों की प्रेरक जीवनियां दी गई हैं। जीवनियों को इस श्रृंखला में बहुत ही रोचक शैली एवं सरल भाषा में प्रकाशित किया गया है। भारतीय संस्कृति और सभ्यता से ओतप्रोत इनकी जीवनियां बच्चों के व्यक्तित्व को निखारने में प्रेरणादायक कार्य करेगी। इन महापुरुषों की मेहनत, उनका समर्पण और सोच बच्चों के मन मस्तिष्क पर गहरी छाप छोड़ेंगे। इस पुस्तक श्रृंखला की विशेषताएं: • इस श्रृंखला की सभी पुस्तकें बच्चों के समझने योग्य भाषा में लिखी गई हैं जिससे उन्हें पढ़ने में कठिनाई न हो। • भारत के लगभग सभी महापुरुषों से परिचित कराया गया है। • सभी पुस्तकों को कम-से-कम और छोटे-छोटे शीर्षकों के अंतर्गत बांटा गया है जिससे बच्चे इनसे संबंधित एक-एक घटनाक्रम को जानकर कंठस्थ कर सकें। • पुस्तक में प्रत्येक महापुरुष के समय के तत्कालीन हालात एवं परिवेश के बारे में भी चर्चा की गई है। इस पुस्तक को कैसे पढ़ें/पढ़ाएं: इस पुस्तक श्रृंखला को पढ़ते/पढ़ाते समय शांत माहौल का होना बहुत जरूरी है जिससे पढ़ते समय बच्चों का ध्यान और रोचकता भंग न हो। बच्चों को भारत के महापुरुषों के बारे में जानने के लिए उनमें रुचि व जिज्ञासा उत्पन्न करें और उन्हें प्रोत्साहित करें। उन्हें बताएं कि इन महापुरुषों ने हमारे देश को महान बनाने के लिए क्या-क्या योगदान दिया। हर बात को सकारात्मक पहलू से देखने का नजरिया उत्पन्न कराएं जिससे बच्चों में आत्मविश्वास बढ़े और वे पुस्तक को पढ़ने में विशेष रुचि लें। माता-पिता के लिए महत्वपूर्ण सुझाव: • बच्चों को यह पुस्तक पढ़ने के लिए दें एवं इसकी विशेषताओं के बारे में बताएं। • बच्चों को ऊंचे स्वर में पुस्तक पढ़ने के लिए कहें जिससे उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट हो सके। • हर एक बच्चे की याद करने/सीखने की अलग-अलग क्षमता होती है। अतः इस बात को ध्यान में रखकर चलें। • बच्चों को समझाने के लिए बहुत आसान रास्ता निकालें। • एक बार न समझे तो बार-बार समझाएं पर उत्तेजित कभी ना हों। • बच्चों में कल्पनाशक्ति का विकास करें। भारत के महापुरुषों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने वाली इस पुस्तक श्रृंखला की पुस्तकें • चाणक्य • छत्रपति शिवाजी • डॉ. राधाकृष्णन • महात्मा गांधी • गौतम बुद्ध • सुभाषचन्द्र बोस • मदर टेरेसा • स्वामी विवेकानंद • रवींद्रनाथ टैगोर

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha