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Meri Atmakatha

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Prabhat 2024Description: 175pISBN:
  • 9789355216052
Subject(s): DDC classification:
  • H 920.71 AMB
Summary: डॉ. बी. आर. आंबेडकर की आत्मकथा भारत के महानतम समाज-सुधारकों और दूरदर्शियों में से एक असाधारण जीवन की भावपूर्ण स्मारकीय कृति है । इस आत्मकथा में डॉ. आंबेडकर अपने प्रारंभिक जीवन, जातिगत भेदभाव के खिलाफ अपने संघर्ष, शिक्षा के अपने प्रयास तथा सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों को सुरक्षित करने के अपने अथक प्रयासों के माध्यम से एक परिवर्तनकारी यात्रा पर ले जाते हैं। वे एक छात्र, एक वकील, एक विद्वान् और अंततः भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में अपने अनुभवों को साझा करते हैं । डॉ. बी. आर. आंबेडकर की आत्मकथा दमन की गहरी जड़ें जमा चुकी व्यवस्थाओं को चुनौती देने के साहस की याद दिलाती है । यह भारतीय इतिहास के कालक्रम को आकार देने में किए गए असंख्य व्यक्तिगत बलिदानों और डॉ. आंबेडकर के अमिट प्रभाव को दरशाती है। भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका, जहाँ उन्होंने प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए अथक संघर्ष किया, सामाजिक न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उनकी आत्मकथा एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करे, जो हमारे भीतर करुणा, सहानुभूति और समानता की निरंतर खोज की भावना को प्रज्वलित करे ।
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डॉ. बी. आर. आंबेडकर की आत्मकथा भारत के महानतम समाज-सुधारकों और दूरदर्शियों में से एक असाधारण जीवन की भावपूर्ण स्मारकीय कृति है । इस आत्मकथा में डॉ. आंबेडकर अपने प्रारंभिक जीवन, जातिगत भेदभाव के खिलाफ अपने संघर्ष, शिक्षा के अपने प्रयास तथा सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों को सुरक्षित करने के अपने अथक प्रयासों के माध्यम से एक परिवर्तनकारी यात्रा पर ले जाते हैं। वे एक छात्र, एक वकील, एक विद्वान् और अंततः भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में अपने अनुभवों को साझा करते हैं ।

डॉ. बी. आर. आंबेडकर की आत्मकथा दमन की गहरी जड़ें जमा चुकी व्यवस्थाओं को चुनौती देने के साहस की याद दिलाती है । यह भारतीय इतिहास के कालक्रम को आकार देने में किए गए असंख्य व्यक्तिगत बलिदानों और डॉ. आंबेडकर के अमिट प्रभाव को दरशाती है। भारतीय संविधान की मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका, जहाँ उन्होंने प्रत्येक नागरिक के अधिकारों और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए अथक संघर्ष किया, सामाजिक न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

उनकी आत्मकथा एक मार्गदर्शक प्रकाश के रूप में काम करे, जो हमारे भीतर करुणा, सहानुभूति और समानता की निरंतर खोज की भावना को प्रज्वलित करे ।

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