Mai nastik kyon hun
Material type:
- 9789392147791
- H SIN B
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H SIN B (Browse shelf(Opens below)) | Available | 169683 |
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H SIN B Guliya ke tote | H SIN B Sapat chehare wala aadmi | H SIN B Panchawa sahibjada | H SIN B Mai nastik kyon hun | H SIN B Main nastik kyon hoon | H SIN C Apna morcha | H SIN D Dharm kshetre kurukshetre |
मैं नास्तिक क्यों हूँ (Why I am an Atheist) भगत सिंह द्वारा लिखा एक लेख है जो उन्होंने लाहौर सेंट्रल जेल में क़ैद के दौरान लिखा था और इसका प्रथम प्रकाशन लाहौर से ही छपने वाले अख़बार दि पीपल में 27 सितम्बर 1931 को हुआ। यह लेख भगत सिंह के द्वारा लिखित साहित्य के सर्वाधिक चर्चित और प्रभावशाली हिस्सों में गिना जाता है और बाद में इसका कई बार प्रकाशन हुआ। इस लेख के माध्यम से भगत सिंह ने तार्किक रूप से यह बताने की कोशिश की है कि वे किसी ईश्वरीय सत्ता में क्यों यकीन नहीं करते हैं.
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