Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

Neel darpan

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: New Delhi Vani 2024Edition: 3rdDescription: 163pISBN:
  • 9789362875358
Subject(s): DDC classification:
  • H 891.432 MIT
Summary: नील दर्पण - प्रख्यात बांग्ला नाटककार दीनबन्धु मित्र रचित नील दर्पण यद्यपि एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण नाट्यकृति है, जो अपने समय का एक सशक्त दस्तावेज़ भी है। 1860 में जब यह प्रकाशित हुआ था, तब बंगाली समाज और अंग्रेज़ शासक दोनों में तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी। एक ओर बंगाली समाज ने इसका स्वागत किया तो दूसरी ओर अंग्रेज़ शासक इससे तिलमिला उठे। चर्च मिशनरी सोसायटी के पादरी रेवरेंड जेम्स लॉग ने नील दर्पण का अंग्रेज़ी अनुवाद प्रकाशित किया तो अंग्रेज़ सरकार ने उन्हें एक माह की जेल की सज़ा सुनायी । बांग्ला में नील दर्पण का प्रदर्शन पहले सार्वजनिक टिकट-बिक्री से मंच पर 1872 में हुआ, तो जहाँ एक ओर दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी, वहीं दूसरी ओर अंग्रेजी अखबारों ने उसकी तीखी आलोचना की। ऐसे नाटकों की विद्रोही भावना के दमन हेतु अंग्रेज सरकार ने 1876 में 'ड्रेमेटिक परफ़ॉर्मन्सेज़ कन्ट्रोल ऐक्ट' जारी किया । अंग्रेज सरकार द्वारा रेवरेंड जेम्स लॉग पर चलाया गया मुकदमा ऐतिहासिक और रोमांचक है। नेमिचन्द्र जैन के नील दर्पण के रूपान्तर के साथ ही उस मुकदमे का पूरा विवरण पाठकों को दमन और विद्रोह का दस्तावेज़ी परिचय देगा । भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित यह ऐतिहासिक कृति और दस्तावेज़ पाठकों को समर्पित है।
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Books Books Gandhi Smriti Library H 891.432 MIT (Browse shelf(Opens below)) Available 180163
Total holds: 0

नील दर्पण - प्रख्यात बांग्ला नाटककार दीनबन्धु मित्र रचित नील दर्पण यद्यपि एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण नाट्यकृति है, जो अपने समय का एक सशक्त दस्तावेज़ भी है। 1860 में जब यह प्रकाशित हुआ था, तब बंगाली समाज और अंग्रेज़ शासक दोनों में तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी। एक ओर बंगाली समाज ने इसका स्वागत किया तो दूसरी ओर अंग्रेज़ शासक इससे तिलमिला उठे। चर्च मिशनरी सोसायटी के पादरी रेवरेंड जेम्स लॉग ने नील दर्पण का अंग्रेज़ी अनुवाद प्रकाशित किया तो अंग्रेज़ सरकार ने उन्हें एक माह की जेल की सज़ा सुनायी । बांग्ला में नील दर्पण का प्रदर्शन पहले सार्वजनिक टिकट-बिक्री से मंच पर 1872 में हुआ, तो जहाँ एक ओर दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी, वहीं दूसरी ओर अंग्रेजी अखबारों ने उसकी तीखी आलोचना की। ऐसे नाटकों की विद्रोही भावना के दमन हेतु अंग्रेज सरकार ने 1876 में 'ड्रेमेटिक परफ़ॉर्मन्सेज़ कन्ट्रोल ऐक्ट' जारी किया । अंग्रेज सरकार द्वारा रेवरेंड जेम्स लॉग पर चलाया गया मुकदमा ऐतिहासिक और रोमांचक है। नेमिचन्द्र जैन के नील दर्पण के रूपान्तर के साथ ही उस मुकदमे का पूरा विवरण पाठकों को दमन और विद्रोह का दस्तावेज़ी परिचय देगा । भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित यह ऐतिहासिक कृति और दस्तावेज़ पाठकों को समर्पित है।

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha