Raghavchetan Rai rachana samagra
Material type:
- 9789393091031
- H 891.44 RAG
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | H 891.44 RAG (Browse shelf(Opens below)) | Available | 169578 |
बलिया के रतसड़ गाँव के मूल निवासी राघवचेतन राय; 13 दिसंबर 1944- 25 जनवरी 2013द्ध का जन्म पडरौना जिले में सरयू प्रसाद सिंह और रामा देवी के यहाँ हुआ था। राघवेन्द्र कुमार सिंह के नाम से जाने जाते श्री राय की प्रांरभिक शिक्षा पडरौना, बलिया और पैफजाबाद के सुदूर गाँव खपड़ाडीह में हुई। प्रयाग ;इलाहाबादद्ध विश्वविद्यालय से 1959-63 में हिंदी में बी.ए. और अंग्रेजी साहित्य में एम. एम. की डिग्री ली। गुवाहाटी ;आसामद्ध के कई महाविद्यालयों में 5 वर्ष तक अंग्रेजी साहित्य का अध्यापन कार्य करने के साथ ही अंग्रेजी साहित्य में शोध् और पत्राकारिता के पाठ्यक्रम में पंजीकरण करवाया। इन पाठ्यक्रमों में डिग्री पाने से पूर्व ही 1968 में वे भारतीय राजस्व सेवा ;आई आर एसद्ध में चुन लिए गए। जहाँ से मुख्य आयकर आयुक्त दिल्ली और अध्यक्ष, आयकर समझौता आयोग दिल्ली से 2006 में सेवानिवृत्त हुए। संवेदनशील, मनन और गंभीर चिंतन वाले राघवचेतन राय की बचपन से ही साहित्य में अभिरूचि थी। श्री राय ने अपने इसी उपनाम से हिंदी में कविता लिखने के अतिरिक्त प्रचुर मात्रा में अन्य साहित्यिक विधओं में लेखन किया है। इनके तीन कविता संग्रह ‘वह गिरी बेचने वाला लड़का’, ‘वंचितों का निर्वाचन क्षेत्रा’ और ‘बहनें अब घर में नहीं हैं’ प्रकाशित और चर्चित हुए । राघवचेतन राय ने अपनी रचनाओं में अपने समय की चेतना को सशक्त वाणी दी है। भाव, विचार और शब्द का इतना सर्वांगपूर्ण समन्वय का प्रमाण यह ‘राघवचेतन राय रचना समग्र’ आपके सामने है। इस पुस्तक में वह सब उपलब्ध् सामग्री देने की कोशिश की गई है जो उनके रचना कौशल और व्यक्तित्व पर प्रकाश डाल सके।
There are no comments on this title.