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Atal Bihari Vajpayee ki kavya chetana

By: Material type: TextTextPublication details: Delhi Puspanjali 2020Description: 208pISBN:
  • 9789381869420
Subject(s): DDC classification:
  • PM 954.053 BHA
Summary: जब कोई कवि राजनीति में प्रवेश करता है तो राजनीति और शासन अर्थवान हो जाते हैं। उनमें सुचिता आ जाती है। जब कोई व्यक्ति राजनीति में रहकर समाज के प्रत्येक व्यक्ति के हृदय को स्पर्श करने लगता है, उसके मर्म को छूने का अभ्यासी हो जाता है और ऐसा व्यक्ति जब कलम उठाता है तो उसकी संवेदनाएँ पन्नों पर पसर जाती हैं। उसके अंदर का मर्म छलक जाता है। मन की पीड़ा और भावनाएँ कविता बन जाती हैं। अटल जी इसके दृष्टांत-पुरुष हैं। उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में उनके आहत मन और भावनाओं को सहजतापूर्वक समझा जा सकता है। -मृदुला सिन्हा
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जब कोई कवि राजनीति में प्रवेश करता है तो राजनीति और शासन अर्थवान हो जाते हैं। उनमें सुचिता आ जाती है। जब कोई व्यक्ति राजनीति में रहकर समाज के प्रत्येक व्यक्ति के हृदय को स्पर्श करने लगता है, उसके मर्म को छूने का अभ्यासी हो जाता है और ऐसा व्यक्ति जब कलम उठाता है तो उसकी संवेदनाएँ पन्नों पर पसर जाती हैं। उसके अंदर का मर्म छलक जाता है। मन की पीड़ा और भावनाएँ कविता बन जाती हैं। अटल जी इसके दृष्टांत-पुरुष हैं। उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में उनके आहत मन और भावनाओं को सहजतापूर्वक समझा जा सकता है। -मृदुला सिन्हा

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