Atal Bihari Vajpayee ki kavya chetana
Material type:
- 9789381869420
- PM 954.053 BHA
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 954.053 BHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 169520 |
जब कोई कवि राजनीति में प्रवेश करता है तो राजनीति और शासन अर्थवान हो जाते हैं। उनमें सुचिता आ जाती है। जब कोई व्यक्ति राजनीति में रहकर समाज के प्रत्येक व्यक्ति के हृदय को स्पर्श करने लगता है, उसके मर्म को छूने का अभ्यासी हो जाता है और ऐसा व्यक्ति जब कलम उठाता है तो उसकी संवेदनाएँ पन्नों पर पसर जाती हैं। उसके अंदर का मर्म छलक जाता है। मन की पीड़ा और भावनाएँ कविता बन जाती हैं। अटल जी इसके दृष्टांत-पुरुष हैं। उपर्युक्त काव्य पंक्तियों में उनके आहत मन और भावनाओं को सहजतापूर्वक समझा जा सकता है। -मृदुला सिन्हा
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