Amazon cover image
Image from Amazon.com
Image from Google Jackets

Meri ekyavan kavitayen

By: Contributor(s): Material type: TextTextPublication details: New Delhi Kitabghar 2023Edition: 35Description: 168pISBN:
  • 9789383233618
Subject(s): DDC classification:
  • PM 891.431 VAJ
Summary: वज्र से भी कठोर अडिग संकल्प-सम्पन्न राजनेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कुसुम कोमल हृदय से उमड़ पड़ने वाली कविताएँ गिरि-हृदय से फूट निकलने वाली निर्झरियों के सदृश एक ओर जहाँ अपने दुर्दान्त आवेग से किसी भी अवगाहनकर्ता को बहा ले जाने में समर्थ हैं, वहीं दूसरी ओर वे अपनी निर्मलता, शीतलता और प्राणवत्ता से जीवन के दुर्गम पथ के राहियों की प्यास और थकान को हरकर नई प्रेरणा की संजीवनी प्रदान करने की क्षमता से भी सम्पन्न हैं। इनका सहज स्वर तो देशभक्तिपूर्ण शौर्य का ही है; किन्तु कभी-कभी नव सर्जना की वेदना से ओतप्रोत करुणा की रागिनी को भी ये ध्वनित करती हैं। -विष्णुकान्त शास्त्री
List(s) this item appears in: Hon'ble Prime Minister Collection
Tags from this library: No tags from this library for this title. Log in to add tags.
Star ratings
    Average rating: 0.0 (0 votes)
Holdings
Item type Current library Call number Status Date due Barcode Item holds
Books Books Gandhi Smriti Library PM 891.431 VAJ (Browse shelf(Opens below)) Available 169350
Total holds: 0

वज्र से भी कठोर अडिग संकल्प-सम्पन्न राजनेता श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कुसुम कोमल हृदय से उमड़ पड़ने वाली कविताएँ गिरि-हृदय से फूट निकलने वाली निर्झरियों के सदृश एक ओर जहाँ अपने दुर्दान्त आवेग से किसी भी अवगाहनकर्ता को बहा ले जाने में समर्थ हैं, वहीं दूसरी ओर वे अपनी निर्मलता, शीतलता और प्राणवत्ता से जीवन के दुर्गम पथ के राहियों की प्यास और थकान को हरकर नई प्रेरणा की संजीवनी प्रदान करने की क्षमता से भी सम्पन्न हैं। इनका सहज स्वर तो देशभक्तिपूर्ण शौर्य का ही है; किन्तु कभी-कभी नव सर्जना की वेदना से ओतप्रोत करुणा की रागिनी को भी ये ध्वनित करती हैं। -विष्णुकान्त शास्त्री

There are no comments on this title.

to post a comment.

Powered by Koha