Meelu ke liye
Material type:
- 9788181436795
- H DEV M
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | H DEV M (Browse shelf(Opens below)) | Available | 169127 |
आजकेसाहित्यकेठोसआधारकोआजकीठोसपरिस्थितियोंकेविश्लेषणसेहीखोजाजासकताहैऔरतभीइसकीबुनियादपक्कीहोगी।शोषणऔरउत्पीड़नकीप्रक्रियाकोनंगाकरनाहोगा।भारतकीजटिलवउलझीहुईभूमि-व्यवस्था, भूमिसुधार, कानूनकेभेसमेंखेतिहरमजदूरोंकाशोषण, जातीयउत्पीड़न, वर्गतथाजातीयउत्पीड़न, प्रशासनकाअसलीचेहराऔरआंदोलनकेअवसरवादीसुधारवादीवामपंथियोंद्वारानेतृत्व, येसबसमस्याएँहीआजकेसाहित्यकीभूमिकाऔरउसकेविकासकीदिशाकोतयकरेंगी।सत्यकोबार-बारदुहरानाहोगा।यहबहुतनाजुकवक़्तहै।आजकेपेशेवरलेखकोंकोइतिहासकभीमाफ़नहींकरेगा।हमसभीलेखकोंकेएकजुटहोकरजनताकीसमस्याओंकेवास्तविकगतिविधियोंकेसाथव्यक्तकरनाहोगा।लेखककीसमस्याओंऔरसंघर्षोंसेअलग-अलगरहनासबसेबड़ाअपराधहै।लेखकमौनरहाजबसिपाहियों , सी. आर. पी. औरसरकारकेपालेहुएगुंडोंनेकानूनऔरव्यवस्थाकेनामपरपश्चिमीबंगालकेएकविशालकत्लगाहमेंबदलदिया।आजभीबंगालमेंयेस्थितियाँदूसरेबदलेहुए, सुधारकेसाथमौजूदहैं।डेबरा-गोपीबल्लभगढ़मेंआजभीसरकारीआतंककायमहैं।लेखकोंकोइनसमस्तस्थितियोंसेजूझनाहोगा।
There are no comments on this title.