Vishnupadi pitriteerth Gaya
Material type:
- 9789386143624
- H 294.5921 SIN
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | H 294.5921 SIN (Browse shelf(Opens below)) | Available | 172277 |
भगवान् विष्णु के पुण्यप्रद पादचिहन से सुशोभित गयाधाम सभी तीर्थों के प्राण हैं। यह एक पौराणिक नगर है। पौराणिक का व्युत्पत्तिक अर्थ है-जो प्राचीन होकर भी नया रहता है- पुरानवंभवति। एक दार्शनिक ने सच ही कहा है कि "हमारे राम-कृष्ण ऐतिहासिक नहीं हैं, पौराणिक हैं। पौराणिक का अर्थ यह नहीं है कि नहीं हुए। पौराणिक का मतलब बहुत बार हुए और बहुत बार होंगे।” भारतीय दृष्टि से मिथक को पुरावृत्त कहते हैं। मिथक का अर्थ मिथ्या नहीं, कल्पना नहीं है। यह पुरावृत्त अनादिकाल से आजतक प्रवहमान है, गयाधाम की अंत:सलिला की तरह; कभी प्रत्यक्ष और कभी अप्रत्यक्ष ह धारा जीवंत और शाश्वत है।
There are no comments on this title.