Vigyaan sanchaar evan patrakaarita: ek paridrshy
Material type:
- 9789383980000
- H 070.44950954 KUM
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
---|---|---|---|---|---|---|
![]() |
Gandhi Smriti Library | H 070.44950954 KUM (Browse shelf(Opens below)) | Checked out to Narmada Hostel OT Launge (NARMADA) | 2023-09-29 | 168419 |
सूचना और तकनीकी के इस युग में विज्ञान संचार, पत्रकारिता जगत की एक ऐसी विधा है, जिसके माध्यम से समाज में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संदर्भ में समझ पैदा करने का प्रयास किया जाता है। जय जवान जय किसान और जय विज्ञान के मूल में संचार एवं पत्रकारिता के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है। भारत जैसे विकासशील देश के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं वैज्ञानिक विकास में संचार और पत्रकारिता की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आज लगभग समस्त भाषाओं की पत्र-पत्रिकाओं में विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित खबरों का प्रकाशन हो रहा है। रेडियो, टेलीविजन तथा फिल्मों में भी इनको महत्वपूर्ण स्थान दिया जाने लगा है। आज की बहुआयामी पत्रकारिता के बीच विज्ञान एक अत्यंत ही आवश्यक क्षेत्र बनकर उभरा है। युवा वर्ग नित नए-नए हो रहे आविष्कारों के संदर्भ को बड़े ही जिज्ञासु भाव से ना सिर्फ देखता और पढ़ता है अपितु उसको आत्मसात करने का प्रयास भी करता है। अतः ऐसी सूचनाओं से आम लोगों को अवगत कराना विज्ञान पत्रकारिता का पावन लक्ष्य है. जो अत्यंत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। प्रस्तुत पुस्तक में लेखक ने शोध एवं अपने पत्रकारिता के अनुभव के आधार पर संचार एवं विज्ञान पत्रकारिता के अवसर एवं चुनौतियों को रेखांकित किया है।
There are no comments on this title.