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Uttarakhand : himalaya ki god mein

By: Material type: TextTextPublication details: Dehradun Samay Sakshay 2021Edition: 1st edDescription: 245 pISBN:
  • 9789390743841
Subject(s): DDC classification:
  • UK 954.51 CHA
Summary: उत्तराखंड, उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका गठन 9 नवम्बर 2000 को कई वर्षो के आन्दोलन के पश्चात देश के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। 2006 तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। 2007 में राज्य के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ तिब्बत और नेपाल से लगी हुई हैं। इसके पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। राज्य के रूप में गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखंड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्र और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर स्थित कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान विद्यमान हैं। उत्तराखंड को मूलत: दो हिस्सों में विभक्त किया जा सकता है, गढ़वाल एवं कुमाऊँ। पौराणिक ग्रन्थों में कुर्माचल क्षेत्र का उल्लेख "मानसखण्ड" के रूप में जबकि गढ़वाल क्षेत्र का उल्लेख "केदारखण्ड" के रूप में मिलता है।
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उत्तराखंड, उत्तर भारत में स्थित एक राज्य है जिसका गठन 9 नवम्बर 2000 को कई वर्षो के आन्दोलन के पश्चात देश के सत्ताइसवें राज्य के रूप में किया गया था। 2006 तक यह उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। 2007 में राज्य के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इसका आधिकारिक नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। राज्य की सीमाएँ तिब्बत और नेपाल से लगी हुई हैं। इसके पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश इसकी सीमा से लगे राज्य हैं। राज्य के रूप में गठन से पूर्व यह उत्तर प्रदेश का एक भाग था। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखंड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्र और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर स्थित कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान विद्यमान हैं। उत्तराखंड को मूलत: दो हिस्सों में विभक्त किया जा सकता है, गढ़वाल एवं कुमाऊँ। पौराणिक ग्रन्थों में कुर्माचल क्षेत्र का उल्लेख "मानसखण्ड" के रूप में जबकि गढ़वाल क्षेत्र का उल्लेख "केदारखण्ड" के रूप में मिलता है।

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